आज मंडी सदर विधान सभा से बीजेपी के अनिल शर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार चंपा ठाकुर ने मंडी अपना नामांकन भरा।हवा का रुख बताता है कुछ और।समर्थन और भीड़ का हिसाब लगाए तो दोनो जगह ही कमी दिखी। समर्थको में भी उत्साह और खुशी ज्यादा देखने को नहीं मिली। दोनो पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता नदारद दिखे।क्या यह घटनाक्रम कुछ कोई संकेत दे रहा है। मंडी सदर की जनता का लगता है की लोग दोनो पार्टी के उम्मीदवारों से खास इतेफाक नही रख है।लोगो में चुनावो की तरफ रुचि और उत्साह की कमी दिखाई दे रही है। विदित रहे बीजेपी के उम्मीदवार अढ़ाई साल से अंजमस की स्तिथि में रहे और पार्टी और सदर की जनता से भी दूरी बनाई रखी,इसे से भी पार्टी के पारंपरिक वोटर्स में काफी रोष है, इस दौरान जनता नेतृत्व के बगैर रही और लोगो के काम और मंडी में विकास कार्यों में पूर्ण विराम लगा रहा।इधर कांग्रेस अधर में लटकी है क्योंकि पार्टी के कार्यकर्ता कुछ अनिल शर्मा अपने साथ ले गए और कुछ बागी हो गए।दोनो के लिए आगे की राहें काफी मुश्किल भारी लग रही है।अनिल शर्मा का मंडी सदर में आधार और दखल तो बहुत है पर बार बार पार्टी छोड़ना और फिर ज्वाइन कर लें पार्टी वर्क्स में नाराजगी का कारण और जनता में भारी रोष है।उधर चंपा ठाकुर का प्रभाव कुछ क्षेत्र तक ही सीमित है और वे भी अपने पिता कौल सिंह ठाकुर पर भारी निर्भर करती है। दोनो ही पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम किया है।इस स्तिथि में दोनो तरफ चुनावी कांटा सथिर नही हो पा रहा है दूसरी तरफ दोनो पार्टियों में बगावती सुर भी उभर गए है। अब देखना यह है की हवा किस ओर रुख करती है।
बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन में लोगो और समर्थको में उत्साह की भारी कमी। दोने ने पर्चा भरा।
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