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Himachal Election 2022: नामांकन वापसी का आखिरी दिन, रूठे न माने तो बढ़ेगी भाजपा व कांग्रेस की चिंता

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Himachal Election 2022: नामांकन वापसी का आखिरी दिन, रूठे न माने तो बढ़ेगी भाजपा व कांग्रेस की चिंता।हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नाराज नेताओं ने भाजपा व कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन है।

कुछ देर बाद स्थिति स्‍पष्‍ट हो जाएगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के 32 नेता आजाद प्रत्‍याशी के तौर पर चुनावी दंगल में हैं। यदि आज तीन बजे तक यह नहीं माने तो दिक्‍कत बढ़ सकती है। ये पार्टी प्रत्‍याशी को ही सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाएंगे। भाजपा व कांग्रेस के दिग्‍गज रूठों को मनाने के लिए रात भर जुटे रहे।

राजीव शुक्‍ल का दावा सभी असंतुष्‍ट मना लिए

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस दो तिहाई सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। कांग्रेस के टिकट वितरण की हर जगह प्रशंसा हो रही है। पार्टी ने बेहतर और जीतने वाले प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इनमें डाक्टर, इंजीनियर, पीएचडी, पोस्ट ग्रेजुएट भी शामिल हैं। कांग्रेस में मामूली विद्रोह है। पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश कांग्रेस नेता इन्हें मनाने में जुटे हैं। शुक्ल ने कहा कि ज्यादातर असंतुष्ट मान गए हैं। शनिवार को नामांकन वापस ले लेंगे। कांग्रेस के प्रचार का शुभारंभ प्रियंका गांधी वाड्रा सोलन से कर चुकी हैं। अब 31 अक्टूबर को कुल्लू और मंडी से रोड शो व जनसभा करेंगी। इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत दूसरे स्टार प्रचारकों की रैलियां भी जल्द तय की जाएंगी।

तेजवंत को मनाने मंगल पांडे आएंगे किन्नौर

रिकांगपिओ। किन्नौर विधानसभा सीट से इस बार छह उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। भाजपा से विद्रोह कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व विधायक तेजवंत सिंह को मनाने का प्रयास जारी है। आज नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी मंगल पांडे किन्नौर आ रहे हैं। वह तेजवंत सिंह को मनाने का प्रयास करेंगे। किन्नौर विधानसभा सीट से 2012 और 2017 में भाजपा ने पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी को मैदान में उतारा था, जबकि उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा था। इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी को मैदान में उतारा है। वहीं, तेजवंत सिंह का कहना है कि उन्हें पार्टी और संगठन ने टिकट न देकर ठीक नहीं किया है। वह 2007 से 2012 तक विधायक रहे हैं। भाजपा ने तेजवंत सिंह को चार बार टिकट दी, जिसमें केवल एक बार ही उन्हें जीत मिली है।

http://dhunt.in/EkPf3?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जागरण”

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