फिनलैंड के शिक्षा व संस्कृति मंत्री पेट्री होंकोनेन ने आज नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवाचार (एसटीआई) के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है।
पेट्री होंकानेन के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया हुआ है। इसने बाद में दोनों मंत्रियों की उपस्थिति में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक अलग बैठक की।
वहीं, डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्टार्टअप्स में भी सहयोग पर भारत की प्राथमिकता को दोहराया। फिनलैंड के मंत्री ने कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने टीके के विकास और सभी देशवासियों के लिए टीकाकरण को सुनिश्चित करने को लेकर भारत सरकार के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
भारत और फिनलैंड द्विपक्षीय और वैश्विक हितों से संबंधित कई क्षेत्रों में आपसी सहभागिता को एक नए स्तर पर ले जाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने फ्यूचर आईसीटी, फ्यूचर मोबाइल प्रौद्योगिकी और डिजिटल शिक्षा जैसे क्षेत्रों में डिजिटल भागीदारी को लेकर सहयोग को बढ़ाने का निर्णय किया। इसके अलावा दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रों पर संयुक्त कार्य समूहों को संस्थागत बनाने पर भी जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और पेट्री होंकोनेन ने इन बातों का उल्लेख किया। फिनलैंड के मंत्री की यह यात्रा 16 मार्च, 2021 को एक शिखर बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिनलैंड की समकक्ष सना मारिन की ओर से की गई घोषणा के तहत हुई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय एसटीआई सहयोग अभिनव अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है, जो एक विशिष्ट जरूरत या चुनौती, उच्च औद्योगिक प्रासंगिकता व व्यावसायिक क्षमता का प्रदर्शन और सभी प्रतिभागियों व इससे अधिक व्यापक रूप से दोनों राष्ट्रों को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य को संबोधित करते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसका उल्लेख किया कि 18 अप्रैल 2022 को फिनलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री मीका लिंटिला की यात्रा के दौरान संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग शुरू किया। क्वांटम कंप्यूटर के संयुक्त विकास पर फिनलैंड के संस्थानों के साथ काम करने के लिए भारतीय पक्ष ने पहले ही चार प्रमुख संस्थानों- पुणे स्थित आईआईएसईआर, आईआईटी- मद्रास, मुंबई के टीआईएफआर और पुणे स्थित सी-डैक को चिह्नित कर लिया है। डॉ. सिंह ने इस पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि दोनों पक्षों के विशेषज्ञ क्वांटम कंप्यूटिंग पर भारत-फिनलैंड वर्चुअल नेटवर्क केंद्र की स्थापना के लिए विस्तृत योजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत पहले चरण में 20 क्यूबिट सुपरकंडक्टिंग आधारित क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने और दूसरे चरण में इसे 54 क्यूबिट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने फिनलैंड के मंत्री को इसकी जानकारी दी कि भारत, फिनलैंड के अनुसंधान और विकास संस्थानों के साथ शोध सहभागिता विकसित करने व फिनलैंड के उद्योग, जो विशेष रूप से क्षेत्रों में क्वांटम कंप्यूटिंग के अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग विकसित करने का इच्छुक है। इनमें सतत ऊर्जा प्रौद्योगिकियां (उत्पादन, रूपांतरण, भंडारण और संरक्षण), पर्यावरण व स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जैव आधारित अर्थव्यवस्था, जल और समुद्री प्रौद्योगिकियों के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए जैव बैंक व जैव आधारित सामग्री, खाद्य व कृषि प्रौद्योगिकी, वहनीय स्वास्थ्य सुविधाएं (औषधि और बायो-मेडिकल उपकरण सहित) और सभी क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन शिक्षण के उन्नत विनिर्माण एकीकरण के लिए प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
होंकोनेन ने डॉ जितेंद्र सिंह को इसका आश्वासन दिया कि फिनलैंड, भारत के साथ 5जी, पर्यावरण व स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जैव-आधारित अर्थव्यवस्था, जैव बैंक और वहनीय स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग करने को लेकर इच्छुक है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने जिन विषयों को चिह्नित किया था, उन पर भी प्रगति हुई है।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवाचार में भारत और फिनलैंड के बीच मजबूत आपसी संबंध है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते के ढांचे के तहत भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग व जैव प्रौद्योगिकी विभाग और बिजनेस फिनलैंड व एकेडमी ऑफ फिनलैंड के साथ फिनलैंड के आर्थिक कार्य व रोजगार मंत्रालय ने एक दशक से अधिक समय से सफलतापूर्वक सहयोग किया है।