खजाना खाली, बाह्य वित्त पोषित प्रोजेक्टों पर फोकस, पांच विभागाध्यक्षों के साथ 21 को दिल्ली जाएंगे वित्त सचिव।
राज्य की देनदारियों के बीच हिमाचल सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ता जा रहा है।
नया पे-कमीशन लागू होने और जीएसटी कंपनसेशन बंद होने के बाद स्थितियां और खराब हो गई हैं। ऐसे में राज्य सरकार की अफसरशाही ने बाह्या वित्त पोषित यानी एक्सटर्नल एडिड परियोजनाओं पर ज्यादा फोकस किया है। हिमाचल में दरअसल दो तरह से सरकार से बाहर अन्य वित्तीय एजेंसियों से पैसा आता है। इनमें कुछ मल्टीलेटरल एजेंसियां हैं, तो कुछ बाइलेटरल हैं। वर्तमान में इन फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से हिमाचल में 12000 करोड़ के प्रोजेक्ट कई सरकारी महकमों के तहत चल रहे हैं। भारत सरकार ने अगले आम बजट से पहले इन्हीं एजेंसियों के साथ एक प्रारंभिक बैठक राज्यों के साथ बुलाई है।
21 और 22 तारीख को ये बैठकें दिल्ली में होंगी। इन बैठकों के लिए राज्य के फायनांसस सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना पांच विभागों के निदेशकों की टीम के साथ दिल्ली जा रहे हैं। इसमें कृषि, बागबानी, पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति और पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। इन सभी विभागों में वर्तमान में इन्हीं फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। इस बैठक में फंडिंग एजेंसियों में वल्र्ड बैंक, एशियन डिवेलपमेंट बैंक और न्यू डिवेलपमेंट बैंक जानी एनडीबी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। वर्तमान में एनडीबी के माध्यम से जल शक्ति विभाग में प्रोजेक्ट चल रहा है, जबकि एडीबी के प्रोजेक्ट पर्यटन, बागबानी और स्किल डिवेलपमेंट में चल रहे हैं। वल्र्ड बैंक के माध्यम से शिमला में वाटर सप्लाई के अलावा बागबानी में हॉर्टिकल्चर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट, वित्त विभाग के कोषागार में पीएफएमएस के अलावा पीडब्ल्यूडी और फोरेस्ट में भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी तरह बाइलेटरल फंडिंग एजेंसियों में एएफडी के माध्यम से जल शक्ति विभाग में नेगोशिएशन चल रही है और केएफडब्ल्यू फोरेस्ट और एनवायरमेंट में चर्चा कर रहा है।
जाईका का प्रोजेक्ट फोरेस्ट और एग्रीकल्चर में चल रहा है, जबकि जीटीजेड वन विभाग में एक प्रोजेक्ट में नेगोशिएशन कर रहा है। ये फंडिंग एजेंसियां कुछ समय के बाद पॉलिसी रिव्यू करती हैं और अपने फ्रेमवर्क के अनुसार किसी नए क्षेत्र या सब्जेक्ट को फंडिंग के लिए अपने दायरे में लेती हैं। इसी पर राज्यों से भी राय ले जाती है, जिसके लिए राज्य सरकार के अफसरों की टीम दिल्ली अब जा रही है। हालांकि इसके बाद 25 नवंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक करेंगी, जिसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी दिल्ली जा रहे हैं।
Source : “Divya Himachal”