न्यूजीलैंड और भारत (NZ vs IND) के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला ईडन पार्क में खेला गया जहाँ कीवी टीम ने टीम इंडिया को 7 विकेट से करारी मात देते हुए, सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की।
इस मुकाबले में भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 306 रनों का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में कीवी टीम ने 47.1 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 309 रन बनाए। ऐसे में सवाल यह है कि 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करने के बाद भी भारत के हाथ से मैच क्यों फिसल गया ? आइये आपको हार के तीन कारण बताते हैं।
भारत ने बनाई गलत टीम कॉम्बिनेशन
न्यूजीलैंड और भारत (NZ vs IND) के पहले वनडे मैच में टीम इंडिया के कप्तान शिखर धवन ने बेहद ही ख़राब टीम कॉम्बिनेशन चुनी। पहले तो उन्होंने रिषभ पंत को प्लेइंग 11 में मौका दिया, ये जानते हुए भी कि वो बेहद ही ख़राब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें नंबर चार यानी सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन से पहले भेज दिया गया। नतीजा यह हुआ कि पंत मात्र 15 रन ही बना पाए।
इसके साथ ही कप्तान धवन ने प्लेइंग 11 में 5 ऐसे खिलाड़ियों को मौका दिया जो गेंदबाजी कर सकते लेकिन इस बात से हर कोई वाकिफ है कि अगर वनडे और टी20 क्रिकेट में एक गेंदबाज का दिन खराब हुआ तो सारा मामला बिगड़ सकता है। यह जानते हुए भी धवन ने छठा गेंदबाजी विकल्प नहीं खिलाया।
तेज गेंदबाज पुरानी गेंद से हुए फ्लॉप
न्यूजीलैंड और भारत (NZ vs IND) के पहले वनडे मैच में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने शुरुआत के 20 ओवर अच्छी गेंदबाजी की लेकिन गेंद जैसे-जैसे पुरानी होती गई, तेज गेंदबाजों की लाइन-लेंग्थ खो गई। नतीजा यह हुआ कि सभी तेज गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए।
अर्शदीप सिंह ने 8.33 की इकोनॉमी से 68 रन, शार्दुल ठाकुर ने 7 की इकोनॉमी से 63 रन और उमरान मलिक ने 6.60 की इकोनॉमी से 66 रन लुटा दिए, जिसका फायदा केन विलियमसन और टॉम लैथम ने भरपूर उठाया।
कैच छोड़ना पड़ा भारी
न्यूजीलैंड और भारत (NZ vs IND) के पहले वनडे मैच में टीम इंडिया की तरफ से ख़राब फील्डिंग देखने को मिली। भारतीय खिलाड़ियों ने 3 कैच टपकाए। पहले चहल ने फिन एलेन का कैच छोड़ा जिन्होंने 22 रन बना दिए।
इसके बाद खुद कप्तान धवन ने केन विलियमसन का कैच छोड़ा जब कीवी कप्तान 68 रन पर खेल रहे थे। फिर शार्दुल ठाकुर ने दो कैच छोड़ने के साथ जमकर मिस फील्डिंग भी की। बची हुई कसर लैथम और विलियमसन ने 221 रनों की साझेदारी बनाकर कर दी और भारत के मुंह से मैच को निकाल लिया।