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Himachal News: सरकारी शिक्षकों ने ट्यूशन पढ़ाई तो होंगे सस्पेंड, तीन बिंदुओं में जानिए किस तरह होगी कार्रवाई

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Himachal News: सरकारी शिक्षकों ने ट्यूशन पढ़ाई तो होंगे सस्पेंड, तीन बिंदुओं में जानिए किस तरह होगी कार्रवाई।हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब न ट्यूशन सेंटर चला पाएंगे और न ही स्कूल से छुट्टी होने के बाद घर पर ट्यूशन पढ़ा पाएंगे।

यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके विरुद्ध जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डाक्‍टर अमरजीत शर्मा ने यह आदेश जारी कर दिया है।

शिक्षा विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ शिक्षक ट्यूशन भी पढ़ा रहे हैं। विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ने के लिए बाध्य करने की भी शिकायतें मिली हैं। शिक्षा विभाग ने पहले भी कई बार आदेश दिए हैं, बावजूद इसके कुछ शिक्षक नहीं मान रहे हैं। अब प्रधानाचार्यों व मुख्य अध्यापकों को कहा गया है कि वे इस तरह के मामलों पर नजर रखें। उनके ध्यान में ऐसा मामला आता है तो जांच कर उपनिदेशक को रिपोर्ट भेजें। उपनिदेशकों को भी कहा है कि वे ऐसी शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करें। यदि प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक शिक्षकों की गलती को छुपाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।

कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में लें अतिरिक्त कक्षाएं

विभाग ने निर्देश दिया है कि यदि कोई विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर है तो छुट्टी के बाद या सुबह के समय स्कूल में ही अतिरिक्त कक्षाएं लें।

गणित-अंग्रेजी की अधिक ट्यूशन

शिकायतों के अनुसार कुछ शिक्षक गणित, अंग्रेजी, कैमिस्ट्री, फिजिक्स, अकाउंट्स आदि विषयों की ट्यूशन पढ़ाते हैं। कुछ शिक्षक घर पर ट्यूशन पढ़ाते हैं तो कुछ कोचिंग सेंटर जाते हैं। पूर्व में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें शिक्षक अपने ही स्कूल के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते पाए गए हैं।

ऐसे होगी कार्रवाई

शिक्षा विभाग को अगर ट्यूशन पढ़ाने व ट्यूशन सेंटर चलाने से संबंधित सूचना मिलती है तो उसकी जांच होगी।
शिक्षा निदेशक को शिकायत सीधे तौर पर की जा सकती है। विभाग की ओर से जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट निदेशक को भेजी जाएगी।
शिक्षक अगर दोषी पाया जाता है तो सीधे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
ये हैं नियम

विभाग के अनुसार शिक्षक जब भी स्कूल में पढ़ाता है, उसका आचरण सभ्य होना चाहिए। वह एक देश के नागरिक को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। वह न तो ट्यूशन पढ़ा सकता है और न ही विद्यार्थियों को स्कूल के बाद अपने घर पर जबरन पढ़ने के लिए बुला सकता है।

Source : “जागरण”

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