नई सरकार को चाहिए नए चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान और डीजीपी संजय कुंडू।हिमाचल में आठ दिसंबर को मतगणना के साथ सामने आ रही नई सरकार को ब्यूरोक्रेसी और पुलिस अफसरों के लिए भी मुखिया चुनने होंगे। इसकी वजह यह है कि वर्तमान मुख्य सचिव आरडी धीमान दिसंबर महीने में ही रिटायर हो रहे हैं और डीजीपी संजय कुंंडू डेपुटेशन पर जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सरकार चाहे कांग्रेस की बने या भाजपा की, लेकिन अफसरशाही में बदलाव तय है। वर्तमान जयराम सरकार ने रामसुभग सिंह को जब मुख्य सचिव के पद से हटाया था, तो ब्यूरोक्रेसी में भी सुपरसेशन हुआ था। सीनियर मोस्ट तीन आईएएस को किनारे किया गया। इनमें रामसुभग सिंह, निशा सिंह और संजय गुप्ता शामिल हैं। 1988 बैच के अधिकारी संजय गुप्ता के पास अभी सबसे ज्यादा चार साल का समय है। नई सरकार इन अधिकारियों को काम देती है या नहीं, यह भी अपने आप में एक फैसला होगा। वर्तमान में इन्हें प्रधान सलाहकार बनाकर किनारे कर दिया गया है। 1988 बैच के ही रामदास धीमान वर्तमान में मुख्य सचिव हैं, जो 31 दिसंबर, 2022 को रिटायर हो जाएंगे। 1988 के बैच में ही अली रजा रिजवी वर्तमान में भारत सरकार में हैं। यदि उन्हें नई सरकार चाहे तो वापस लाने की कोशिश कर सकती है और यदि यह आ जाएं तो संजय गुप्ता के साथ सीनियरिटी का कोई विवाद नहीं रहेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो रामदास धीमान के बाद 1989 बैच के के. संजय मूर्ति हैं, जो भारत सरकार में हैं। उनके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना 1990 बैच में हैं। सत्ता में आने वाले दल को इन्हीं अधिकारियों के बीच में कोई फार्मूला तलाशना होगा।
ये हैं आईपीएस अफसर
जहां तक आईपीएस अधिकारियों की बात करें तो डीजीपी संजय कुंडू 1989 बैच के अफसर हैं और यह भारत सरकार में डेपुटेशन पर जाना चाहते हैं। वैसे भी पुलिस पेपर लीक के बाद यदि सरकार बदली तो इनका इस पद पर रहना संभव नहीं लग रहा। इनसे पहले 1988 बैच में तपन डेका हैं, लेकिन वह आईबी में डायरेक्टर हो गए हैं। इसलिए वापस नहीं आना चाहेंगे। कुंडू के बाद 1989 बैच में ही संजीव रंजन ओझा हैं, जो अभी सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। फिर 1990 बैच में श्याम भगत नेगी हैं, जो नई दिल्ली में कैबिनेट सचिवालय में एडिशनल सेक्रेटरी हैं और किन्नौर के रहने वाले हैं। इन्हें वापस लाने पर बात हो सकती है, लेकिन इस बारे में भी फैसला नई सरकार को ही लेना होगा।
Source : “Divya Himachal”