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Tilak Benefits: पूजा के समय माथे क्यों लगाया जाता है, जानें इसका कारण, महत्व और नियम

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Tilak Benefits: पूजा के समय माथे क्यों लगाया जाता है, जानें इसका कारण, महत्व और नियम। हिन्दू धर्म में कई ऐसी परम्पराएं हैं जिनका पालन पूजा-पाठ के दौरान सदियों से होता चला आ रहा है। इनमें कुछ हैं- बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद लेना, शंख बजाना, धूप बत्ती जलाना इत्यादि।

इन सभी में ‘तिलक लगाना’ भी शामिल है, जिसका महत्व शास्त्रों में बहुत ही विस्तार से बताया गया है। माना जाता है कि बिना तिलक लगाए कोई भी पूजा अथवा अनुष्ठान पूर्ण नहीं होती है। साथ ही पूजा के दौरान देवी-देवताओं का भी तिलकाभिषेक किया जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक तौर पर भी इसके कई फायदे बताए गए हैं। आइए आचार्य श्याम चंद्र मिश्र से जानते हैं तिलक लगाने का महत्व, लाभ और नियम के विषय में जानते हैं।

ललाट पर तिलक लगाने का महत्व (Importance of Tilak)

आचार्य मिश्र बताते हैं कि नितदिन पूजा के दौरान तिलक लगाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस परम्परा को नियमानुसार पूरा करने से मन एवं मस्तिष्क शांत रहता है और सारा ध्यान ईश्वर की भक्ति में लीन रहता है। इसके साथ तिलक लगाने से दैवीय आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। जिसके कारण सभी कार्य सफल हो जाते हैं।

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि तिलक लगाने से उग्र ग्रहों को शांत करने में व उनके नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में सहायता मिलती है। इसके लिए भक्त कुमकुम, रोली, पीला व सफेद चंदन, हल्दी या भस्म का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही यह मान्यता भी प्रचलित है कि किसी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले तिलक लगाना चाहिए और भगवान का आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से कार्य सफल हो जाता है। साथ ही जीवन में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं।

तिलक से मिलता है स्वास्थ्य को लाभ (Tilak Ke Fayde)

तिलक न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस क्रिया को महत्वपूर्ण बताया गया है। बता दें कि तिलक का प्रयोग करने से हमारे मस्तिष्क की तंत्रिकाएं शांत मुद्रा में रहती हैं और इससे सिरदर्द जैसी गम्भीर समस्या भी दूर रहती है। साथ माना यह भी जाता है कि बुखार में चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और इससे शरीर का तापमान कम रहता है।

इसके साथ कुछ आयुर्वेद विशेषज्ञ यह सुझाव देते हैं कि जिन लोगों को अनिद्रा या तनाव परेशान करता है। उन्हें माथे के बीच में मालिश करनी चाहिए और चंदन का तिलक लगाना चाहिए। साथ ही तिलक लगाने से व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।

तिलक लगाने का नियम (Tilak ke Niyam)

ज्योतिष शास्त्र में तिलक लगाने के भी कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति हर दिन करना चाहिए। आचार्य बताते हैं कि हमेशा तिलक को अनामिका यानि छोटी उंगली के बगल वाली उंगली से लगानी चाहिए। दूसरे के माथे पर तिलक लगाते समय व्यक्ति को अंगूठे का प्रयोग करना चाहिए। यही सही विधि है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Source : “जागरण”

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