भारत सरकार के सागर दृष्टिकोण (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना इस समुद्री इलाके की समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में आने वाले देशों के साथ सक्रिय रूप से संलग्न रही है। वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए आईओआर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को सुरक्षित तथा संरक्षित रखने के उद्देश्य से भारत और इंडोनेशिया वर्ष 2002 से साल में दो बार गश्ती अभ्यास कर रहे हैं। इस तरह के नौसैन्य सहयोग दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ व पारस्परिकता बढ़ाने में सहायता करते हैं। इन गतिविधियों से अवैध अप्रतिबंधित अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री लूट को रोकने तथा उपद्रवियों को दबाने के उपायों की प्रक्रिया को सुविधाजनक व सरल बनाते हैं। यह आगे चलकर तस्करी, अवैध आप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में तलाश तथा बचाव (एसएआर) अभियान के संचालन के लिए सूचना के आदान-प्रदान द्वारा परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।
भारत और इंडोनेशिया के बीच पारंपरिक रूप से करीबी एवं मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें गतिविधियों तथा बातचीत का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है। इंडिया-इंडो कॉर्पैट का 39वां संस्करण दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने और भारत तथा इंडोनेशिया के बीच मित्रता के मजबूत बंधन को और सुदृढ़ करने का प्रयास करता है।