CM सुक्खू का पहला ऐलानः भ्रष्टाचार रोकने के लिए ट्रांसपेरेंसी एक्ट और MLAs को नहीं मिलेगी VIP ट्रीटमेंट।
हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कार्यभार संभाल लिया है. सोमवार को राज्य सचिवालय में कार्यभार संभालने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों से मीटिंग की.शिमला में सोमवार को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहला एलान किया औऱ कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए ट्रांसपरेंसी एक्ट लाएंगे. सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लजीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगी. साथ ही विधायक दल की मीटिंग में बड़ा फैसला किया. फैसले के मुताबिक हिमाचल से बाहर विधायकों को वीआईपी ट्रिटमेंट नहीं मिलेगा. आम नागरिकों की तरह अब उन्हें पैसे खर्च करने होंगे. सूबे के बाहर बने हिमाचल सदन और हिमाचल भवन में विधायकों को आम नागरिकों जैसी सुविधाएं मिलेंगी.
इससे पहले, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनील शर्मा (बिट्टू) को अपना राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया. नए मुख्यमंत्री की ओर से की गई यह पहली नियुक्ति थी. सुक्खू के करीबी दोस्त बिट्टू भी हमीरपुर सीट से टिकट की दौड़ में थे, लेकिन किसी वजह से उन्हें टिकट नहीं मिल सका. नई नियुक्ति से उन्हें हालांकि, कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है. सुनील शर्मा ने अपने करियर में हमीरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस महासचिव के रूप में कार्य किया था और बिट्टू सुक्खू के वफादारों में सबसे प्रमुख हैं.
ओपीएस पर फैसला जल्द
वहीं, ओल्ड पेंशन मुद्दे को लेकर भी सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री ने बयान दिया है. दोनों ने कहा कि पहली कैबिनेट मीटिंग में इसे लागू किया जाएगा. हालांकि, कैबिनेट का गठन यदि दस दिन में नहीं हुआ तो सीएम और डिप्टी सीएम मिलकर ओपीएस पर फैसला लेंगे. बता दें कि चुनाव के दौरान ओल्ड पेंशन बड़ा मुद्दा था और कांग्रेस ने इसे अपनी सरकार बनने पर लागू करने का ऐलान किया था.
Source : “News18”