0 0 lang="en-US"> Heart Attack First Aid: हार्ट अटैक आने पर घबराएं नहीं, बिना देरी किए तुरंत कर लें ये काम; बच जाएगी पीड़ित की जान - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
Site icon ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

Heart Attack First Aid: हार्ट अटैक आने पर घबराएं नहीं, बिना देरी किए तुरंत कर लें ये काम; बच जाएगी पीड़ित की जान

Spread the Message
Read Time:3 Minute, 6 Second

Heart Attack First Aid: हार्ट अटैक आने पर घबराएं नहीं, बिना देरी किए तुरंत कर लें ये काम; बच जाएगी पीड़ित की जान।आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पहले इसे 60 साल से ऊपर वाले लोगों की बीमारी माना जाता था लेकिन अब 18-20 साल तक के लड़के भी इसका शिकार हो रहे हैं.

हार्ट अटैक (Heart Attack) आने पर लोगों को बचाव के केवल कुछ ही मिनट मिलते हैं. ऐसे में अगर पीड़ित को तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान भी जा सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि आम लोगों को कई ऐसे टिप्स जानने चाहिए, जिनका तुरंत इस्तेमाल कर रोगी की जान (Heart Attack First Aid) बचाई जा सकती है. आइए जानते हैं कि वे टिप्स क्या हैं.

हार्ट अटैक आते ही तुरंत दें CPR

मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी को हार्ट अटैक (Heart Attack First Aid) आया हो तो पीड़ित को तुरंत सीपीआर (CPR) देनी चाहिए. इस ट्रिक का इस्तेमाल करके काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है. CPR का Cardiopulmonary Resuscitation है. जब किसी को दिल का दौरा पड़ा हो तो इस तकनीक का इस्तेमाल करके उसकी जान बचाई जा सकती है. इसके जरिए रोगी में ब्लड और ऑक्सिजन की सप्लाई को दोबारा चालू कर दिया जाता है.

कैसे देते हैं सीपीआर?

डॉक्टरों के मुताबिक जब भी किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक (Heart Attack First Aid) आने पर उसे जमीन पर सीधा लिटा दें और फिर उसके पास घुटनों के बल बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की हथेली को एक साथ जोड़कर पीड़ित की छाती को जोर-जोर से दबाना शुरू करें. करीब 100-120/ प्रति मिनट की दर से छाती को दबाने पर खून में फिर से ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई चालू होने की संभावना रहती है. छाती को प्रेस करते वक्त इस बात का ध्यान रखना है कि वह सेमी तक अंदर धंस जाए.

सीपीआर के तुरंत बाद करें ये काम

CPR देने से मरीज की जान तो बच जाती है लेकिन उसक पर खतरा बना रहता है. इसलिए CPR के तुरंत बाद मरीज को किसी नजदीकी अस्पताल में तुरंत भर्ती करवा दें. जिससे उसकी एंजियोग्राफी कर आगे का इलाज शुरू कर सकें. कई बार मरीज की नसें ब्लॉक हो जाती हैं, उस मामले में तुरंत सर्जरी की भी जरूरत पड़ जाती है.

Source : “Zee News”

Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version