0 0 lang="en-US"> बेयरनार आर्नो कौन हैं जो एलन मस्क को पीछे छोड़ बने दुनिया के सबसे अमीर शख़्स - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
Site icon ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

बेयरनार आर्नो कौन हैं जो एलन मस्क को पीछे छोड़ बने दुनिया के सबसे अमीर शख़्स

Spread the Message
Read Time:10 Minute, 24 Second

बेयरनार आर्नो कौन हैं जो एलन मस्क को पीछे छोड़ बने दुनिया के सबसे अमीर शख़्स। तेस्ला और स्पेसएक्स के दम पर दुनिया के सबसे अमीर शख़्स बनने वाले अमेरिकी व्यवसायी एलन मस्क को माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ख़रीदने के बाद एक बड़ा झटका लगा है.

और उनकी जगह एक ऐसे शख़्स ने ली है जिनके बारे में लोग बहुत ज़्यादा नहीं जानते हैं.

फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग के मुताबिक़, फ्रांसीसी व्यापारी बेयरनार आर्नो अपनी 171 अरब डॉलर की संपत्ति के दम पर दुनिया के सबसे अमीर शख़्स बन गए हैं.

इस समय एलन मस्क की संपत्ति 164 अरब डॉलर है.

तीसरे नंबर पर भारतीय व्यवसायी गौतम अदानी है जिनकी संपत्ति 125 अरब डॉलर है. वहीं, चौथे और पांचवे स्थान पर जेफ़ बेजोस और बिल गेट्स हैं.

लेकिन बेयरनार आर्नो कौन हैं और उन्होंने इतनी धन-दौलत कैसे कमाई?

कौन हैं बेयरनार आर्नो

बेयरनार आर्नो एक फ्रांसीसी व्यवसायी हैं जो एलवीएमएच समूह के अध्यक्ष हैं. इस समूह के पास सत्तर से ज़्यादा कंपनियां हैं जो दुनिया भर में लग़्जरी उत्पाद बेचती हैं.

इनमें लग्ज़री कपड़े बेचने वाली कंपनियां लुइ विटन और फेंडी से लेकर मेकअप प्रोडक्ट बेचने वाली फेंटी ब्यूटी और वाइन बेचने वाली कंपनी डॉम पेरिग्नोन आदि शामिल हैं.

ये वो कंपनियां हैं जो दुनिया भर में सबसे महंगे लग्ज़री उत्पादों को बेचने के लिए जानी जाती हैं.

यही नहीं, ये वो कंपनियां भी हैं जहां मार्क जैकब्स से लेकर वर्जिल अब्लोह, राफ़ सिम्सन्स और फीबी फिलो जैसे दुनिया के नामचीन डिज़ायनरों ने नाम कमाया है.

बेयरनार आर्नो इससे पहले साल 2019 में चर्चा का विषय बने थे जब उन्होंने चर्चित अमेरिकी ज्वेलरी ब्रांड टिफ़नी को ख़रीदा था.

उस वक़्त आर्नो की कुल संपत्ति 106.9 अरब अमेरिकी डॉलर थी जो अब बढ़कर 170 अरब अमेरिकी डॉलर के पार चली गयी है.

लुइ विटन के बैग और दूसरी चीजों के साथ एक महिला

लग्ज़री इंडस्ट्री के गॉड फादर

अमेरिकी मैग़ज़ीन फोर्ब्स के मुताबिक, बेयरनार आर्नो को दुनिया भर में मॉर्डन लग्ज़री इंडस्ट्री का गॉड फादर कहा जाता है.

आज भारत से लेकर चीन और अमेरिका और अफ़्रीकी शहरों में फ्रेंच कंपनी लुइ विटन समेत अन्य ब्रांड्स पहनने वाले मौजूद हैं.

न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है कि इस इंडस्ट्री को शुरू करने का विचार भी बेयरनार आर्नो का ही है.

इस लेख के मुताबिक़, ‘बेयरनार आर्नो के पिता ने कंस्ट्रक्शन बिज़नेस से पैसा कमाया. लेकिन बेयरनार आर्नो ने शुरुआती उम्र में ही पहचान लिया था कि पहनने-ओढ़ने जैसे उत्पाद बनाने वाले परिवारों की कंपनियों को पेशेवर बनाकर उनकी बिखरी ताक़त को एक समूह में समाहित किया जा सकता है. वह कहते हैं कि 1980 में जब वह न्यू यॉर्क पहुंचे तो एक कैब ड्राइवर से बातचीत में उन्हें पता चला कि ड्राइवर डे गुल को नहीं जानता था. लेकिन वह ‘डीआ’ के बारे में जानता था. उसी क्षण एक साम्राज्य खड़ा करने का विचार उनके मन में पैदा हुआ.’

अमेरिका से सीखा यूरोप में कमाया

बेयरनार आर्नो के ट्रंप से लेकर निकोलस सरकोज़ी और दुनिया के तमाम नेताओं से व्यक्तिगत संबंध हैं

बेयरनार आर्नो ने बिज़नेस की दुनिया के गुर अमेरिका में सीखे और उन्हें यूरोपीय व्यापारिक जगत में लागू कर दिया.

सबसे पहले उन्होंने साल 1985 में फ्रांसीसी सरकार से एक दिवालिया टेक्सटाइल कंपनी बौसेक को ख़रीदा.

इस कंपनी में एक पुराना फ्रेंच ब्रांड डीआ भी शामिल था. ये वही फ्रेंच ब्रांड था जिससे अमेरिकी कैब ड्राइवर परिचित था.

बेयरनार आर्नो ने बौसेक की ज़्यादातर संपत्तियों को बेच दिया. लेकिन डीआ को अपने पास रखा.

न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक़, साल 1989 में उन्होंने एलवीएमएच समूह का कुछ इस तरह हॉस्टाइल टेकओवर किया कि उन्हें ‘द वुल्फ़ इन द कैश्मीर कोट’ यानी कैश्मीर कपड़े से बने कोट में भेड़िया होने का उपनाम दिया गया.

लग्ज़री इंडस्ट्री में लाए क्रांति

लोग बारिश में खड़े होकर लुइ विटन स्टोर में घुसने का इंतज़ार करते हुए

बेयरनार आर्नो ने अपनी कंपनियों की दुकानों को आधुनिक शॉपिंग स्टोर की शक्ल दी जो अपनी आवो-हवा में यूरोपीय इतिहास और विरासत समेटे थे.

इन ब्रांड्स के साथ उन्होंने युवा फैशन डिज़ाइनरों को जोड़ा जिससे ये ब्रांड्स एकाएक युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गए.

इस तरह इस समूह के लग्ज़री पर्स, बेल्ट या शर्ट पहनने-ओढ़ने के सामानों से आगे बढ़कर कल्चरल करेंसी यानी सांस्कृतिक मुद्रा में तब्दील हो गए.

लेकिन उन्होंने कभी किसी शख़्स को ब्रांड से ज़्यादा तवज्जो नहीं दी जिसके लिए कोई उन्हें जीनियस तो कोई उन्हें रचनात्मक लोगों का शोषण करने वाला कहता है.

बेयरनार आर्नो के बारे में एक ख़ास बात ये भी है कि वह किसी घाटा उठाती फ़र्म को ख़रीदकर उसमें तब तक निवेश करते हैं जब तक वह अपने दम पर पैसा पैदा करने की स्थिति में नहीं आ जाती है.

निजी जीवन में कैसे हैं बेयरनार आर्नो

बेयरनार आर्नो अपनी पत्नी हेलेन के साथ

बेयरनार आर्नो के निजी जीवन के बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हैं.

लेकिन जो कुछ पता है, उसके मुताबिक़ छह फीट लंबे 73 वर्षीय बेयरनार आर्नो को टेनिस खेलना और पियानो बजाना पसंद है.

न्यू यॉर्क टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक़, ‘एक बार उन्होंने कहा था कि वह अपनी कंपनी को दुनिया में नंबर 1 कंपनी बनाना चाहते हैं क्योंकि वह दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी और कंसर्ट पियानिस्ट नहीं बन सके. वह ये दोनों काम ही काफ़ी गंभीरता से करते हैं. उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी, जो कनाडा की पियानिस्ट हेलेन मर्सियर हैं, को लुभाने के लिए पियानो ही बजाया था.’

कलात्मक चीज़ें ख़रीदने के शौकीन बेयरनार आर्नो को उनकी निजता के प्रति संवेदनशील शख़्स के रूप में भी जाना जाता है.

ब्लूमबर्ग में छपे एक लेख के मुताबिक़, दुनिया भर में अपनी आवाजाही से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक होने से बचाने के लिए बेयरनार आर्नो ने अपना निजी जेट विमान बेच दिया था.

ट्विटर पर कुछ लोग अरबपतियों के निजी विमानों पर नज़र रखते हैं और उन्हें उनके विमानों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के लिए सार्वजनिक रूप से शर्मसार करते हैं.

बेयरनार आर्नो के मामले में ये मसला इतना अहम हो गया था कि कुछ राजनीतिज्ञों ने निजी विमानों को प्रतिबंधित या उन पर कर लगाने का प्रस्ताव तक दे दिया था.

बेयरनार आर्नो ने अपने समूह के रेडियो चैनल पर कहा था कि ‘इन सभी कहानियों की वजह से समूह के पास जो एक निजी विमान था, उसे हमने बेच दिया है. इसका नतीज़ा ये हुआ कि अब कोई नहीं देख सकता कि मैं कहां जा रहा हूं क्योंकि जब भी मुझे निजी विमान का इस्तेमाल करना होता है तो मैं उसे किराए पर ले लेता हूं.’

ब्लूमबर्ग के मुताबिक़, इस समय एलवीएमएच समूह की मार्केट वैल्यू 365.7 अरब डॉलर है जो यूरोप में सबसे ज़्यादा है.

पिछले साल इस समूह ने सीइओ के पद के लिए तय अधिकतम उम्र सीमा को ख़त्म कर दिया है. इसके बाद अरनॉल्ट 80 वर्ष की उम्र तक इस समूह का नेतृत्व कर सकते हैं.

ये इस बात की ओर भी इशारा था कि वह एक लंबे समय तक अपनी कंपनी का नेतृत्व करते रहना चाहतेहै।

Source : “BBC News हिंदी”

Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version