केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रौद्योगिकी से संचालित होने वाली एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) प्रणाली के माध्यम से, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के तहत सभी लाभार्थी विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। सभी लाभार्थी अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) से या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ आधार संख्या के द्वारा किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने मासिक आवंटन के खाद्यान्न को आंशिक या पूर्ण रूप से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, लाभार्थी के परिवार के जो भी सदस्य घर पर होंगे (यदि कोई हो) तो वे उसी राशन कार्ड पर खाद्यान्न का बचा हुआ हिस्सा/शेष खाद्यान्न या संपूर्ण खाद्य पदार्थ उठा सकते हैं।
राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना विभाग द्वारा केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एकीकृत प्रबंधन (आईएम-पीडीएस) के तहत लागू की गई है, जिसे अप्रैल 2018 में 127.3 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ स्वीकृति दी गई थी। इस योजना को 31 मार्च 2023 तक विस्तार दिया गया है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 2020-21 में (12.65 करोड़ रुपये), 2021-22 में (23.76 करोड़ रुपये) और 2022-23 में (10.45 करोड़ रुपये) अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा एनआईसी/एनआईसीएसआई आदि को कुल 46.86 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता राशि जारी की गई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना वर्तमान में कुल एनएफएसए आबादी (लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों) को कवर करते हुए देश भर के सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। वर्तमान में देश में ओएनओआरसी के अंतर्गत हर महीने औसतन लगभग 3.5 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किये जा रहे हैं। एक देश एक राशन कार्ड के तहत अब तक कुल 93.31 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन पूरे हो चुके हैं।
एनएफएसए लाभार्थियों के बीच एक देश एक राशन कार्ड के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया है। इसके लिए 167 एफएम और 91 सामुदायिक रेडियो स्टेशन की सहायता ली जा रही है। रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो विजुअल स्पॉट प्रदर्शित किए जा रहे हैं। बाहरी स्थानों और उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस), बस आदि में बैनर व पोस्टर प्रदर्शित किए जा रहे हैं। ऐसे विशेष अभियानों के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने स्वयं के साधनों का उपयोग भी किया जा रहा है। 13 भाषाओं में उपलब्ध “मेरा राशन” ऐप को भी अब तक लगभग 20 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है।