हमीरपुर 15 दिसंबर। ‘मानव प्रकृति की श्रेष्ठतम रचना है। भाषा, बुद्धि और विवेक से परिपूर्ण मानव जब विकास के रास्ते पर अग्रसर होता है तो प्राय: अपने लक्ष्यों की पूर्ति हेतु उसे कुशल मार्गदर्शन की आवश्यकता महसूस होती है। उचित मार्गदर्शन के बिना वह अपनी क्षमताओं का ईष्टतम प्रयोग एवं विकास नहीं कर सकता। सही मार्गदर्शन के बिना उसकी सफलता का स्तर अपने उच्चतम शिखर को नहीं छू पाता।’ वीरवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करोट और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भलेठ में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत आयोजित करियर परामर्श एवं मार्गदर्शन कार्यशाला में छात्राओं को संबोधित करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने ये विचार रखे।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने एक ओर जहां युवाओं के लिए असीम संभावनाएं एवं अवसर पैदा किए हैं, वहीं दूसरी ओर पारस्परिक प्रतिस्पर्धा को नए आयाम प्रदान किए हैं। ऐसी परिस्थितियों में अगर कोई विद्यार्थी अपनी योग्यता, रुचि और क्षमता का आकलन किए बिना अपने अध्ययन क्षेत्र का चयन करता है तो उसकी सफलता की संभावना क्षीण होती है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए अपनी अभिरुचियों, योग्यताओं और क्षमताओं का सही आकलन करना बहुत जरूरी है।
कार्यशाला के दौरान मनोविज्ञानी शीतल वर्मा ने छात्राओं को अपनी अभिरुचियों, योग्यताओं और क्षमताओं को पहचानने और उनका सही आकलन करने की विधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपनी प्रतिभा एवं योग्यता का सही आकलन कर लेता है तथा अपनी अभिरुचि को अपने लक्ष्य की शक्ति बना लेता है, सफलता उसका निश्चित रूप से वरण करती है। उन्होंने कहा कि समाज एवं अभिभावकों की अपेक्षाओं से विचलित हुए बिना जो अपनी अभिरुचि को अधिमान देते हुए अपेक्षाओं से तारतम्य स्थापित कर लेता है वह समाज को भी नेतृत्व देने की शक्ति हासिल कर लेता है। अत: विद्यार्थी अपने सपनों को जिएं, उन्हें नए पंख दें और समाज को एक नई दिशा दें।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करोट की प्रधानाचार्य दीप्ति राणा और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भलेठ के प्रधानाचार्य विजय कुमार ने छात्राओं को निरंतर करियर परामर्श एवं मार्गदर्शन उपलब्ध करवाने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी सुजानपुर का धन्यवाद किया।
अपने सपनों को जिएं, उन्हें नए पंख दें विद्यार्थी
Read Time:3 Minute, 30 Second