Himachal Pradesh: ACC और अंबुजा के फैसले से लोगों के रोजगार पर संकट, मुख्य सचिव बोले- सीमेंट प्लांट नहीं होने देंगे बंद।एसीसी-अंबुजा सीमेंट प्लांट में ट्रक यूनियन और कंपनी के बीच रेट को लेकर विवाद है. ट्रक यूनियन प्रति टन 10 रुपये ढुलाई ले रहा है.
जबकि कंपनी इसे 6 रुपये तक करने की मांग कर रही है.
Himachal Pradesh ACC-Ambuja Cement Plants: हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर (Bilaspur) की एसीसी और सोलन (Solan) के दाड़लाघाट (Darlaghat) स्थित अंबुजा सीमेंट ने अगली सूचना तक अपना प्लांट बंद करने के आदेश जारी किए हैं. सभी कर्मचारियों को कंपनी में न आने के लिए कहा गया है. इस पर पूरे प्रदेश भर में विवाद पसरा हुआ है. दोनों सीमेंट प्लांट से हिमाचल प्रदेश के हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा है. ऐसे में प्लांट बंद होने की वजह से इन लोगों के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है.
यही नहीं जो लोग पूरी तरह सीमेंट प्लांट की तनख्वाह पर निर्भर हैं, उनके परिवार के सामने तो रोजी-रोटी तक का संकट आ गया है. दरअसल अदानी समूह के इन दोनों सीमेंट प्लांट में ट्रक यूनियन और कंपनी के बीच रेट को लेकर विवाद है. ट्रक यूनियन प्रति टन 10 रुपये ढुलाई ले रहा है. जबकि कंपनी इसे 6 रुपये तक करने की मांग कर रही है. ट्रक यूनियन का कहना है कि वे साल 2019 के रेट पर ही काम कर रहे हैं, लेकिन कंपनी उन पर रेट कम करने का दबाव बना रही है. ऐसे में जब ट्रक यूनियन ने कंपनी की बात नहीं मानी, तो कंपनी ने नुकसान का हवाला देते हुए दोनों प्लांट को बंद करने का फैसला लिया है.
मुख्यमंत्री सुक्खू फोन से ले रहे हैं हर जानकारी
यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी कब तक इन प्लांट में काम दोबारा शुरू करेगी. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों दिल्ली के दौरे पर हैं. मुख्यमंत्री प्रशासन से हर पल की जानकारी मोबाइल फोन के जरिए ले रहे हैं. ऐसे में इस संकट से निपटने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव आरडी धीमान पर आ गई है. मुख्य सचिव ने कहा है कि वे लगातार इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. जिला बिलासपुर और सोलन के उपायुक्त को कंपनी और ट्रक यूनियन के बीच बातचीत कराने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा है कि सरकार प्लांट को बंद नहीं होने देगी. दोनों पक्षों के बीच बीतचीत के बाद इसका रास्ता खोजने की कोशिश की जाएगी.
Source : “ABP न्यूज़”