0 0 lang="en-US"> आम आदमी को राहत! किसी सामान पर नहीं बढ़ा टैक्स, गुटखा-पान मसाला भी नहीं होगा महंगा, जानें जीएसटी काउंसिल के फैसले - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
Site icon ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

आम आदमी को राहत! किसी सामान पर नहीं बढ़ा टैक्स, गुटखा-पान मसाला भी नहीं होगा महंगा, जानें जीएसटी काउंसिल के फैसले

Spread the Message
Read Time:3 Minute, 36 Second

आम आदमी को राहत! किसी सामान पर नहीं बढ़ा टैक्स, गुटखा-पान मसाला भी नहीं होगा महंगा, जानें जीएसटी काउंसिल के फैसले। जीएसटी काउंसिल की आज हुई बैठक में कई बड़े फैसले हुए और इससे आम आदमी को राहत मिली है. वित्त मंत्री ने कहा, आज की जीएसटी परिषद की बैठक में किसी भी वस्तु पर कोई कर वृद्धि नहीं की गई है.

इस बैठक में पान मसला और गुटखा उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने को लेकर कोई भी फैसला नहीं हो पाया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की मीटिंग में आज समय की कमी के कारण तंबाकू और गुटखा पर कर लगाने पर चर्चा नहीं कर सकी. राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी परिषद में दालों के छिलके पर कर की दर को 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का फैसला किया है.

राजस्व सचिव ने दी फैसलों की जानकारी

जीएसटी परिषद ने शनिवार को अनुपालन में की जा रहीं कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति जताने के साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक खत्म होने के बाद इसमें लिए गए इन फैसलों की जानकारी दी.

‘भारत में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का सही समय’, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से रणनीति बनाने को कहा

ऑनलाइन गेमिंग और गुटखा पर टैक्स बढ़ाने को लेकर फैसला नहीं

हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद समय की कमी के कारण एजेंडे में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी. जीएसटी पर अपीलीय अधिकरण बनाने के अलावा पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया.

मल्होत्रा ने कहा कि इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर चर्चा नहीं की गई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी. उन्होंने कहा कि परिषद ने जीएसटी कानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को मौजूदा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर सहमति दी. साथ ही दालों के छिलके पर जीएसटी को खत्म करने का फैसला भी किया गया. अभी तक दालों के छिलके पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता था लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया.

Source : “News18”

Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version