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LG मनोज सिन्हा के बयान पर फूटा गुस्सा, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडित

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LG मनोज सिन्हा के बयान पर फूटा गुस्सा, सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडित। काश्मीर में काम कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारी 200 दिन से भी ज्यादा दिन से जम्मू में धरने पर हैं. इन लोगों का कहना है कि कश्मीर में टारगेटिंग किलिंग के बाद वहां पर पंडितों के लिए काम करने के लिए माहौल नहीं है.

ऐसे में जब तक वहां पर माहौल ठीक नहीं होता हमें जम्मू में टेंपरेरी तौर पर तैनात किया जाए. वहीं कश्मीर में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों को अब तक चार बार आतंकी संगठन टीआरएफ की तरफ से धमकी भी दी गई है. यह लोग लगातार सरकार को गुहार कर रहे है कि हमें यहां पर तैनात करें.

कश्मीर में टारगेट किलिंग के खिलाफ विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों के प्रदर्शन पर उपराज्यपाल ने कहा कि इन लोगों ने पदोन्नति, सुरक्षित स्थानों पर तैनाती और आवासीय सुविधा की मांग की थी, जो पूरी की गई है. इन लोगों ने 31 अगस्त तक का समय मांगा था, हमने दिया और वेतन भी जारी किया. अब घर बैठकर वेतन लेने का जमाना लद चुका है. वहीं इस बयान के बाद कश्मीर में काम कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया इन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारी सुरक्षा को लेकर कदम नहीं उठाती हम तब तक कश्मीर घाटी नहीं जाएंगे.

प्रदर्शनकारियों के साथ संपर्क में हूं- मनोज सिन्हा

प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक हमारी सुरक्षा का पूरा ध्यान नहीं दिया जाता हम कश्मीर नहीं जाएंगे चाहें हमारा क्यों न रोक दिया जाए. उन्होंने कहा है कि वहां पर हमारी जान को खतरा है. सरकार को जरुरत इस बात की है कि हमारी बात सुनें और हमारे समस्या का समाधान निकालें. उपराज्यपाल ने कहा कि वे हड़ताल पर हैं और मैं उनके साथ निरंतर संपर्क में हूं तथा उनके सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए गंभीर प्रयास किये हैं. उनमें से लगभग सभी को जिला आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य सरकारी पदाधिकारियों के परामर्श से जिला मुख्यालयों में ट्रांसफर किया गया है.

सिन्हा ने वेतन पर दिया था बयान

सिन्हा ने कहा, हमने उनके (प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के) 31 अगस्त तक के वेतन को मंजूरी दी है, लेकिन काम पर नहीं आने के कारण इसकी अदायगी नहीं की जा सकती. यह उन्हें एक स्पष्ट संदेश है तथा उन्हें इसे सुनना और समझना चाहिए. इसके जवाब में, घाटी में प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने यहां प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन किया. उन्होंने उनके प्रति प्रशासन के सौतेले व्यवहार को दर्शाने वाली तख्तियां लेकर अपने स्थानांतरण की मांग को लेकर नारे भी लगाए.

Source : “TV9 Bharatvarsh”

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