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उपायुक्त ने जानकारी दी कि पैराग्लाइडिंग साइट का पप्रत्येक 15 दिनों में समिति द्वारा निरीक्षण किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी पैराग्लाइडिंग संचालकों सहित पायलट के मेडिकल टेस्ट अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन को पैराग्लाइडिंग साइट पर सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने का भी आग्रह किया ताकि इन गतिविधियों को सुरक्षित रूप से संचालित करना सुनिश्चित किया जा सके।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि कमेटी विभिन्न साइटों का समय-समय पर औचक निरीक्षण करें तथा नई पैराग्लाइडिंग साइटों को सुरक्षा की दृष्टि से उचित होना भी सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ने कहा की विभिन्न पैराग्लाइडिंग गतिविधियों से जुड़े हुए पायलटों को कार्ड पहचान पत्र अनिवार्य रूप से रखना सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा की दृष्टि से पैराग्लाइडिंग साइट के रास्ते पर नाका लगाकर संचालकों द्वारा रजिस्टर मेंटेन कर प्रत्येक पैराग्लाइडिंग उड़ान का पूरा ब्यौरा इसमें दर्ज करना सुनिश्चित करें तथा समय-समय पर इस रिकॉर्ड का निरीक्षण कमेटी द्वारा किया जाए।
उन्होंने कहा कि नए पायलटों को लाइसेंस के लिए पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन की अनुशंसा पत्र आवश्यक रहेगा तथा पायलट के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए पर एक परीक्षा भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी ताकि पायलट के अनुभव एवं प्रोफेशनलिज्म को जांचा जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पायलट के लिए प्रतिदिन अधिकतम 4 उड़ाने भरने की ही अनुमति दी जाएगी। ताकि पायलट भी सुविधाजनक एवं सुरक्षित तरीक़े से अपने कार्य को अन्जाम दे सकें।
इस बैठक में एसडीएम विकास शुक्ला, संयुक्त निदेशक अभिमास रमन घरसंगी, ज़िला पर्यटन विकास अधिकारी सुनयना शर्मा, डीएफओ एंजल चौहान, सहित सदस्य रोशन लाल,विनय ठाकुर तथा अन्य उपस्थित रहे।