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1 जनवरी को दुनिया के इन देशों में नहीं मनाया जाता New Year, लिस्ट में भारत और रूस भी

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1 जनवरी को दुनिया के इन देशों में नहीं मनाया जाता New Year, लिस्ट में भारत और रूस भी। नए साल 2023 का हम सभी स्वागत करने के लिए तैयार हैं. भारत समेत पूरी दुनिया में नए साल का जश्न बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. न्यू ईयर ईव पर जगह-जगह पर जश्न का माहौल होता है और पार्टी का आयोजन होता है.

लेकिन शायद आप ये बात बिल्कुल नहीं जानते होंगे कि 1 जनवरी को दुनिया के कई देशों मेंन्यू ईयर नहीं मनाया जाता. दरअसल, 1 जनवरी को नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है. ये कैलेंडर दुनियाभर में प्रचलित है.

ऐसे तमाम देश हैं, जिनका अपना अलग कैलेंडर है. आपको जानकर और हैरानी होगी कि इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल है.आइए यहां आपको बताते हैं कुछ खास देशों के न्यू ईयर से जुड़ी दिलचस्प जानकारी.

भारत

भारत में बेशक पश्चिमी कल्चर को देखते हुए 31 जनवरी को नववर्ष का सेलिब्रेशन किया जाता है. लेकिन हिंदू नववर्ष 1 जनवरी को नहीं बल्किचैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है, जो ज्यादातर अप्रैल के महीने में पड़ता है. मान्यता है कि सृष्टि के रचियता ब्रह्रमा जी ने इसी दिन से संसार की रचना को शुरू किया था.

चीन

चीन में चंद्रमा आधारित कैलेंडर को माना जाता है. यहां हर तीन साल में सूर्य आधारित कैलेंडर से इसका मिलान किया जाता है. इसके हिसाब से इनका नव वर्ष 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है. चीन के साथ-साथवियतनाम, दक्षिण कोरिया और मंगोलिया में भी चंद्र कैलेंडर के मुताबित ही नया साल मनाया जाता है.

थाईलैंड

थाईलैंड में जल महोत्सव या थाई नव वर्ष 1 जनवरी को नहीं बल्कि अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है. यहां 13 या 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है. थाईलैंड की भाषा में इसेसोंगक्रण कहा जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को ठंडे पानी से भिगोकर नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं.

श्रीलंका

श्रीलंका में भी नया साल अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है. नए साल के पहले दिन को ‘अलुथ अवरुद्दा’ कहते हैं. नए साल के मौके पर श्रीलंकाई प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं.

रूस और यूक्रेन

इन जगहों पर रहने वाले पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के लोग ग्रेगोरियन न्यू ईयर की तरह जूलियन न्यू ईयर 14 जनवरी को मनाते हैं. यहां आतिशबाजी, मनोरंजन के साथ अच्छा खाना खाया जाता है.

Source : “TV9 Bharatvarsh”

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