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सोनिया की राह पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, पार्टी ऐसे करेगी गुजरात में हार की समीक्षा

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सोनिया की राह पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, पार्टी ऐसे करेगी गुजरात में हार की समीक्षा। गुजरात चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार हुई थी. ऐसी हार जो उसने आज से पहले कभी नहीं देखी थी. वोट शेयर गिरा था, सीटें गिरी थीं और जब्त हो गई थी कई नेताओं की जमानत. बीजेपी की आंधी ने जमीन पर ऐसा सूपड़ा साफ किया कि अब कांग्रेस को आत्ममंथन करना पड़ रहा है।

अब ये मंथन भी कोई ऐसा-वैसा नहीं है, बकायदा सोनिया गांधी की रणनीति पर अमल किया जा रहा है. कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने हर चुनावी हार के बाद कमेटी बनाने का एक ऐसा ट्रेंड सेट किया था जिस पर अब वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी चल रहे हैं.

गुजरात चुनाव में मिली हार के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक फैक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में तीन लोगों को रखा गया है- नितिन राउत, शकील अहमद खान, सप्तागिरी संकार उलाका. अब गुजरात चुनाव में हार के जितने भी कारण हैं, जिस भी वजह से पार्टी की अप्रत्याशित हार हुई है, उन सभी का निचोड़ ये तीन नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को देने जा रहे हैं. अब कहने को ये आदेश मल्लिकार्जुन खड़गे का है, लेकिन अंदाज पूरी तरह सोनिया गांधी वाला. पहले जब-जब कांग्रेस की किसी भी चुनाव में हार होती थी, फिर चाहे वो लोकसभा चुनाव हो या फिर किसी राज्य का विधानसभा चुनाव, सोनिया हमेशा एक कमेटी का गठन करती थीं. इसकी शुरुआत 1999 के लोकसभा चुनाव से हो गई थी. चुनाव के तुरंत बाद सोनिया गांधी ने 11 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था. उस कमेटी को हेड एके एंटनी कर रहे थे जिन्होंने बाद में कई दूसरे और चुनावी हारों के बाद कांग्रेस के लिए समीक्षा करने का काम किया.

2021 में जब कांग्रेस की पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार हुई थी, उस समय सोनिया गांधी ने आखिरी बार किसी कमेटी का गठन किया था. तब उन्होंने पांच सदस्यों की एक टीम तैयार की थी. उस टीम में अशोक चव्हाण (चेयरमैन), सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, विनसेंट एच पाला और ज्योति मणि भी शामिल थे. बड़ी बात ये है कि सोनिया की ज्यादातर जब भी ऐसी कमेटियों का गठन किया था, उनका पता पूरी पार्टी को नहीं चलता था. सिर्फ कुछ बड़े नेताओं तक मंथन सीमित रहता था. लेकिन खड़गे की कांग्रेस में इस मामले में पारदर्शिता देखने को मिल रही है. गुजरात चुनाव की करारी हार की समीक्षा तो हो रही है, लेकिन ये बात किसी से छिपाई नहीं जा रही है. पार्टी मंथन कर रही है तो डंके की चोट पर कर रही है. अब रिपोर्ट क्या निकलती है, इसका इंतजार करना होगा.

गुजरात चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. उसके खाते में 156 सीटें गई थीं. कांग्रेस ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 17 सीटों का शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था. आम आदमी पार्टी ने भी बड़े दावों के बीच पांच सीटें जीतने का काम किया था.

Source : “आज तक”

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