प्रधानमंत्री की मां हीराबेन की अस्थियां गंगा में विसर्जित, तामझाम से दूर और बिना प्रोटोकाल पूरा हुआ विसर्जन। शनिवार दोपहर हरिद्वार के चौधरी चरण सिंह वीआइपी घाट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन की अस्थियां छोटे भाई पंकज मोदी ने गंगा में विसर्जित की।
अस्थि विसर्जन की जानकारी किसी को नहीं दी गई थी। ऐसे में राजनीतिक तामझाम से दूर और बिना प्रोटोकाल सादगी के साथ कर्मकांड पूरा किया गया। तीर्थ पुरोहित भी पीएम के स्वजन साथ लेकर आए थे। स्थानीय पुलिस-प्रशासन को इसकी जानकारी काफी देर से लगी, तब तक पंकज मोदी वापस लौट गए थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 100 वर्षीय मां हीराबेन का 30 दिसंबर को तड़के अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में निधन हो गया था। शनिवार को प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज मोदी स्वजन के साथ मां हीराबेन की अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचे।
दोपहर को चौधरी चरण सिंह वीआइपी घाट पर विधि-विधान के साथ हीराबेन की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया गया। इस दौरान पंकज मोदी ने गंगा में डुबकी भी लगाई और एकांत में बैठकर गंगा तट पर ध्यान लगाया। शाम को सभी वापस लौट गए।
देहरादून के गांधी पार्क में श्रद्धांजलि सभा व शांति यज्ञ किया गया
वहीं रविवार को देहरादून स्थित आर्य समाज धामावाला की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माता हीराबेन मोदी की आत्मा को शांति के लिए गांधी पार्क में श्रद्धांजलि सभा व शांति यज्ञ किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महापौर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, राजपुर रोड विधायक खजनदास, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल शामिल हुए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब लोग परिचित हैं कि मां के संस्कार के चले जाने से जो दुख होता है वो सामान्य नहीं होता। मां का साया चला जाना कष्टकारी है।
प्रधानमंत्री मोदी का भी माता से गहरा लगाव था, जिसे विभिन्न अवसरों पर देखा गया कि वो माता के पास जाकर उनका आशीर्वाद लेते थे। उनकी माता ने कभी हार ना मानने का कार्य किया। यही वजह रही कि उन्होंने भारत का मान, सम्मान, स्वाभिमान की पहचान दिलाने वाले को जन्म दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कठिन परिस्थिति में भी सामान्य व सहज होकर कार्य किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा दिए संस्कार हमें मार्गदर्शन के रूप में कार्य करेंगे।
Source : “जागरण”