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Shimla: प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद, अब बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए खींचतान शुरू

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Shimla: प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद, अब बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए खींचतान शुरू।प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के एक माह बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के साथ सात मंत्री बनाए हैं। छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए खींचतान शुरू हो गई है। पद पाने के लिए कांग्रेस नेता शिमला से लेकर दिल्ली तक लाबिंग कर रहे हैं। कई नेता मुख्यमंत्री और मंत्रियों के माध्यम से अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

पूर्व में भी बोर्ड व निगमों का दायित्व संभाल चुके व वर्षों से संगठन में काम कर रहे नेता हिमुडा, बिजली बोर्ड, परिवहन निगम और वन निगम में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनने के लिए पैरवी कर रहे हैं। कई नेताओं ने एचपीएमसी, खाद्य आपूर्ति निगम और एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन में तैनाती की इच्छा जताई है।

पूर्व में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों की फौज खड़ी की थी। चुनाव में हारे नेताओं को भी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाया गया था। तत्कालीन वीरभद्र सरकार में इनकी संख्या 30 से अधिक थी। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार इस मामले पर हमेशा विपक्ष के निशाने पर रही थी।

प्रदेश प्रभारी ने कई नेताओं से किया था वादा

टिकट न मिलने से नाराज कई नेता, जिनमें युवा कांग्रेस के पदाधिकारी भी शामिल थे, ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था। इसके बाद प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल ने खुद सभी नाराज नेताओं से बात कर उन्हें मनाया। साथ ही वादा किया था कि सरकार आने के बाद दायित्व दिया जाएगा। अब यह देखना भी रोचक होगा कि सरकार इनको कहां समायोजित करती है।

मुख्यमंत्री व पार्टी अध्यक्ष की पसंद के होंगे अध्यक्ष

नियुक्ति में पूरा समन्वय बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी अध्यक्ष की पसंद भी इसके लिए अहम रहेगी। चूंकि पार्टी में कई पदाधिकारी काफी समय से सक्रिय हैं और विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। अब सरकार में इनको समायोजित किया जाएगा।

13 निगम, 9 बोर्ड, 10 आयोग फेडरेशन व सोसायटी की नियुक्ति

प्रदेश में 13 निगम, नौ बोर्ड, 10 आयोग के अलावा फेडरेशन व सोसायटी हैं। इनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्षों की नियुक्ति होती है। इनके अलावा आयोग में अध्यक्ष व सदस्य भी लगाए जाते हैं। बोर्ड व निगमों के निदेशक मंडल में भी नेता सदस्य बनाए जाते हैं।

Source : “जागरण”

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