OPS in Himachal: ओपीएस पर अभी पहेलियां बुझा रहे कर्मचारी, कल जारी होगी अधिसूचना। पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) के हिमाचल मॉडल पर अधिकारी और कर्मचारी अभी पहेलियां ही बुझा रहे हैं। इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। वित्त विभाग के अधिकारी कैबिनेट बैठक के मिनट्स का इंतजार कर रहे हैं।
शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुरानी पेंशन योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहा था कि ओपीएस को शुक्रवार से ही लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा था कि इस बारे में जल्दी अधिसूचना जारी होगी।
अधिकारी शुक्रवार देर शाम तक इस अधिसूचना को जारी नहीं कर पाए। दरअसल, वित्त विभाग मंत्रिमंडल के निर्णय के मिनट्स का सामान्य प्रशासन विभाग से इंतजार करता रहा। मगर सामान्य प्रशासन विभाग से यह शुक्रवार को वित्त विभाग तक नहीं पहुंच पाए। महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण अवकाश था तो दूसरे दिन भी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई। रविवार को भी इसकी संभावना नहीं है। इसे सोमवार को ही जारी किया जा सकता है।
जानना चाह रहे कर्मचारी, छत्तीसगढ़ मॉडल से कैसे भिन्न होगी अधिसूचना
कर्मचारी इस बात को जानना चाह रहे हैं कि ओपीएस की यह अधिसूचना छत्तीसगढ़ मॉडल से कैसे भिन्न होगी। इस बारे में वित्त विभाग के अधिकारी अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाह रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को दोनों विकल्प दिए गए हैं कि कोई ओपीएस लेना चाह रहा है या न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत ही पेंशन चाह रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश का पुरानी पेंशन स्कीम देने का अपना मॉडल होगा।
हालांकि, उन्होंने इतना कहा कि छत्तीसगढ़ के फार्मूले के आधार पर अपना एक फार्मूला तैयार किया है। छत्तीसगढ़ फार्मूले के तहत वहां पर यदि कोई कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनता है, तो उसे 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक सरकार के योगदान और लाभांश को एनपीएस खाते में राज्य सरकार को जमा करना पड़ता है। सरकारी कर्मचारियों को इस अवधि में एनपीएस के तहत जमा कर्मचारी अंशदान और लाभांश देने का नियम है। आगे पुरानी पेंशन देने का प्रावधान है।
Source : “अमर उजाला”