Shimla शिमला स्मार्ट सिटी के नाम पर बर्बाद 5.8 करोड़ मिनी बस स्टॉप पर बैठने की सुविधा नहीं ।हिमाचल के शिमला को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बिना प्लानिंग के पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. शहर में बन रहे मिनी स्मार्ट बस स्टॉप को देखकर लगता है कि विकास के नाम पर सिर्फ अन्नपूर्ति की जा रही है.
लोगों के लिए बने इन बस स्टॉप में एक भी व्यक्ति नहीं रहता है, क्योंकि इनमें बैठने की कोई सुविधा नहीं होती है.
शहर में 7 स्थानों पर 5.8 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे बस स्टॉप बनाए जा रहे हैं। जिसमें छत तो है, लेकिन बैठने के लिए बेंच तक नहीं है। नतीजतन लोगों को यह बस स्टॉप महज एक डिब्बा लग रहा है। जो जनता की सुविधा के लिए नहीं बल्कि स्मार्ट सिटी के दिखावे के लिए बनाए गए हैं।
लोगों ने कहा- बिना सोचे समझे पैसा खर्च किया जा रहा है
स्थानीय निवासी मनोज कुमार का कहना है कि शिमला में स्मार्ट सिटी के नाम पर जो काम हो रहा है उसका मकसद शहरवासियों को सुविधा देना नहीं है. बल्कि दिखावे के लिए हो रहा है। इस तरह के निर्माण कार्य शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं हैं। इन बस स्टॉप को बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और गंदगी के कारण इनके पास खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है.
उन्होंने कहा कि आधा-अधूरा ढांचा खड़ा कर निगम प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है. जनता को इससे कितना फायदा हुआ, इससे नगर निगम को कोई लेना देना नहीं है।
बेकार मिनी स्मार्ट बस स्टॉप
तारा देवी निवासी विद्या का कहना है कि वह कामकाजी महिला है। वह रोज 103 में बस का इंतजार करती हैं। यहां बना यह मिनी स्मार्ट बस स्टॉप किसी काम का नहीं है। न तो इसमें बैठने के लिए बेंच है और न ही साफ-सफाई। यह पड़ाव न ही बनाया जाता तो अच्छा होता। कम से कम पैसों की इतनी बर्बादी तो नहीं होती।
शिमला न्यूज़ डेस्क!!!
Source : “समाचार नामा”