मंडी शहर जाने कब अब बहुत छोटा प्रतीत होने लग गया। छोटे से दायरे में बसा मंडी शहर अब घुटन महसूस करना लगा गया है। बढ़ती आबादी बढ़ती गाड़ियों का जमावड़ा। अब मंडी और बोझ ढोने में असमर्थ प्रतीत होता जा रहा। आधुनिकता और आगे बड़ने की होड़ में अब मंडी कुछ बेबस नजर आ रहा है। बढ़ती आबादी और वाहनों के हिसाब से प्रयाप्त इंतजाम बौने नजर आ रहे है। मंडी अब हर कोने और सड़क पर जाम लगना अब आम बात हो गई है।लोगो को चलने में सड़क को खोजना पड़ता है । मंडी में अब समकेथर से चौहाटा बाजार, रानी खारीगढ़ी चौक से हॉस्पिटल तक, और भी बहुत सारे इलाके वाहन के जाम की चपेट में है। प्रशासन आंखे मूंदे सोया है सिर्फ ट्रैफिक पुलिस को खड़ा देने से मंडी में जाम की समस्या खत्म नहीं होने वाली है। मंडी के स्थानीय निवासियों के अनुसार लोगो को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।यह लोगों की सिरदर्द का कारण बन चुका है । सिर्फ कागजों में प्लान बनते है और वही फाइलों में दब कर रह जाते है।
आज की तारीख में सबसे वाहन जाम की समस्या मोती बाजार और chautta बाजार के बीच सड़क पर खड़ा बिजली विभाग का खंभा है जो की सड़क की साइड में समस्या का कारण बना हुआ है। वहां वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है और अक्सर स्थानीय दुकानदारों और चलने वाले राहगीरों के लिए एक बड़ी समस्या का कारण बना हुआ। सरकार को इस बिजली विभाग के खंबे का संज्ञान लेने चाइए और लोगो को इस समस्या से छुटकारा दिलाना चाइए।इस खंबे को जहां चौहट्टा बाजार में लोगो के चलने और बठाने की व्यवस्था की है और रात्रि लाइट लैंप लगे है वहां स्थानारित कर देना चाइए या पूरी लाइन को अंडरग्राउंड कर देना चाइए। लोगो की अपील है कि सरकार और प्रशासन इस समस्या का संज्ञान ले और और इस से छुटकारा दिलाए।