वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर खासा जोर दिया है. रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अपना कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाया है.
सरकार ने अपना कैपिटल इंवेस्टमेंट 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया है.
देश में सड़क, राजमार्ग से लेकर रेलवे, हवाईअड्डा के विकास पर इस राशि को खर्च किया जाएगा. वित्त मंत्री ने बताया कि ये लगातार तीसरा साल है, जब सरकार ने बजट में कैपिटल इंवेस्टमेंट को बढ़ाया है. ये देश की जीडीपी के 3.3 प्रतिशत के बराबर है.
लगे मोदी-मोदी के नारे
वित्त मंत्री की इस घोषणा के साथ ही सदन में मोदी-मोदी के नारे गूंज उठे. वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए किया गया ये बजटीय आवंटन 2019-20 के मुकाबले 3 गुना है.
पिछले बजट में सरकार ने अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर को 35.4 प्रतिशत बढ़ा दिया था. ये करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये था. ये राशि पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान, सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाईअड्डों के निर्माण के लिए तय की गई थी.
इस बार सरकार ने भारतीय रेल मंंत्रालय के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है. पिछले बजट में रेल मंत्रालय को 1,40,367.14 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए 15,710.44 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था.
देश में हर घर पाइप से पेयजल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन लाया गया. पिछले बजट में इसके लिए 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.