बिलासपुर 4 फरवरी 2023- प्रदेश सरकार में राजस्व बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज बिलासपुर जिला के अंतर्गत ग्राम पंचायत निहाल खन्न वासला में उद्यान विभाग के अंतर्गत एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत निर्मित मशरूम उत्पादन इकाई प्लोग का निरीक्षण किया।
उन्होंने प्लोग में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट मशरूम ग्रोवर पुरस्कार से सम्मानित नरेंद्र सिंह के फॉर्म का निरीक्षण करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा युवा, बिना संकोच के बागवानी में कॅरियर बनाने के लिए आगे आएँ । उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की बागवानी और कृषि के क्षेत्र में नए एंटरप्रेन्योर्स को हर संभव सहायता करेगी।
उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए मशरूम उत्पादन में रोजगार की बेहतर संभावनाएं हैं। इसकी मांग को देखते हुए यह एक बढ़िया है। मशरूम की पोषक गुणवत्ता व औषधीय महत्व की वजह से इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। देश में मशरूम की खेती तेजी से बढ़ रही है उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नियंत्रित वातावरण में मशरूम उत्पादन करके व इसके साथ मशरूम के बीज की प्रयोगशाला लगाकर सफल उद्यमी बन सकते हैं।
राज्य सरकार उद्यान विभाग के तहत खुम्ब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए खुम्ब उत्पादन इकाई लगाने तथा खुम्ब उगाने के लिए खाद इकाई स्थापित करने पर उपदान दे रही है।
उन्होंने बताया कि छोटे पैमाने पर मशरूम हम स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है और मशरूम हाउस की इन सलूशन के लिए भी 50 प्रतिशत अनुदान विभाग के अंतर्गत उपलब्ध करवाया जा रहा है इसके अतिरिक्त मशरूम उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान राशि अधिकतम 8 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि हिमाचल में कांग्रेस द्वारा दी गई 10 गारंटी योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा । उन्होंने बताया कि ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा हो चुकी है जिस को पूरा करने के लिए सरकार नए संसाधनो से फंड जुटाए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार उद्यान विभाग के तहत ओला अवरोधक जाली (लेनो वोवन) और ओला अवरोधक जाली (रेचल नाइटीड) के लिए सरकार द्वारा 80 प्रतिशत अनुदान राशि दी जा रही है इसके अतिरिक्त बागवानी विकास योजना के तहत पावर टिलर 8 बीएचपी से कम पावर टिलर 8 बीएचपी से अधिक और पावर स्प्रेयर के लिए सरकार द्वारा 50 प्रतिशत की अनुदान राशि दी जा रही है।
इसके पश्चात उन्होंने जुखाला में फ्लोरीकल्चर कलस्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि फूलों की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर आने वाले समय में हिमालच को पुष्प राज्य के रूप में विकसित किया जाए। प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा फूलों के उत्पादन के लिए करीब 85 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।सरकार द्वारा संरक्षित खेती हरित गृह निर्माण में पंखा एवं पैड प्रणाली के लिए 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से लेकर 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के लिए सरकार द्वारा 85 प्रतिशत की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है तथा प्राकृतिक वातायान प्रणाली में ट्यूबल स्ट्रक्चर के लिए 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से लेकर 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर सरकार द्वारा 85 प्रतिशत तथा लकड़ी का ढांचा और बांस का ढांचा हेतु सरकार द्वारा 50 प्रतिशत की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।
इसके अतिरिक्त पॉली गृह छायादार जाली गृह के तहत कारनेशन एवं जरबरा की खेती और रोपण सामग्री की लागत के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त किसान के लिए हिमाचल के अंदर और हिमाचल के बाहर परियोजना आधारित वास्तविक खर्च हेतु शत-प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी ।
उन्होंने बताया कि फुल क्षेत्र विस्तार हेतु उद्यान विभाग द्वारा कट फ्लावर, कंदीय फूल और खुले फूल हेतु 50 प्रतिशत की राशि अनुदान उपलब्ध करवाई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों के किसानों व बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश में एचपी शिवा प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के निचले क्षेत्रों के लिए यह प्रोजेक्ट न केवल बागवानी के नए द्वार खोल रहा है बल्कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए घर बैठे स्वरोजगार का भी एक अहम जरिया साबित हो सकता है। उन्होने बेरोजगार युवाओं के साथ-साथ किसानों व बागवानों से बड़े स्तर पर एचपी शिवा प्रोजेक्ट के साथ जुडने का आह्वान किया ।
इस अवसर पर प्रोजेक्ट निदेशक देवेंद्र ठाकुर, एसडीएम सदर अभिषेक गर्ग, उप निदेशक माला शर्मा, विभिन्न विभागों के अधिकारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने बिलासपुर में एकत्रित बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत निर्मित मशरूम इकाई और फ्लोरीकल्चर कलस्टर का किया निरीक्षण
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