सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के लिए ‘न्यूट्रल साइटेशन’ प्रणाली लॉन्च, CJI ने की घोषणा। सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्णयों में ‘न्यूट्रल साइटेशन’ प्रणाली को लागू होगा. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. न्यूट्रल साइटेशन कोर्ट द्वारा दिए गए सभी 30 हजार फैसलों के लिए होगा.
शीर्ष अदालत के फैसले एक समान पैटर्न सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली की शुरुआत हुई है.
सीजेआई ने कहा कि कोर्ट अंग्रेजी से स्थानीय भाषाओं में अपने निर्णयों का अनुवाद करने के लिए मनीश लर्निंग टूल्स का उपयोग कर रहा है. शीर्ष अदालत में फैसलों की पहचान करने और उनका हवाला देने के लिए एक समान, विश्वसनीय और सुरक्षित कार्यप्रणाली की शुरुआत और कार्यान्वयन के लिए कदम उठाए गए हैं.
सीजेआई ने कहा कि अदालत भी सभी निर्णयों का अनुवाद करेगी और मशीन टूल्स का उपयोग कर रही है, जिसे जिला न्यायाधीशों की टीम द्वारा सत्यापित किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के 2900 निर्णयों का अब तक अनुवाद किया जा चुका है. कभी-कभी अनुवाद कठिन हो सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर हम “लीव ग्रांटेड” कहें, इसका शाब्दिक अनुवाद “अवकाश प्राप्त हो गया” हो सकता है, इसलिए जिला जजों और कानून शोधकर्ताओं की टीम सहायता कर रही है. सुप्रीम कोर्ट इस सभी को वित्तपोषित करेगा.”
सीजेआई ने भी कहा कि हाई कोर्ट भी अपने निर्णयों के लिए न्यूट्रल साइटेशन का पालन करें. वर्तमान में दिल्ली, केरल और मद्रास के हाई कोर्ट ने अपने निर्णयों के लिए न्यूट्रल साइटेशन पेश किया. चीफ जस्टिस ने ईएससीआर और स्थानीय भाषाओं में निर्णयों के अनुवाद जैसी अन्य पहलों पर भी चर्चा की.
नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष रहते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देने के लिए न्यूट्रल साइटेशन तैयार करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए हाई कोर्ट के तीन जजों के पैनल का गठन किया था. दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव शकधर, केरल हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजा विजयराघवन वी और कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस सूरज गोविंद राज को समिति का सदस्य घोषित किया गया.
By आज तक