नेहरू युवा केन्द्र किन्नौर, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आज यहाँ राजकीय महाविद्यालय के मैदान में भारत की जी-20 अध्यक्षता पर आधारित एक दिवसीय जिला स्तरीय आस पड़ोस युवा संसद का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय, आईटीआई, एनएसएस व नेहरू युवा केंद्र के लगभग 260 युवाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधारे सहायक आयुक्त राजेन्द्र कुमार गौतम ने ऐसे कार्यक्रमों को जी-20 अध्यक्षता के दौरान युवाओं के योगदान की अपार सम्भावनाओं को तलाशने वाला बताया। उन्होंने नेहरू युवा केन्द्र का ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए आभार व्यक्त किया और अच्छा कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 19-20 अप्रैल को जी20 बैठक प्रस्तावित है, जिसमें भारत सहित दुनियाभर से प्रतिनिधि भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता की जा रही है तथा इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों में जी20 की 200 से अधिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
सहायक आयुक्त ने मोटे अनाजों की खेती को अधिक बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए कहा कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है जिसके फलस्वरूप किसान पारम्परिक अनाज की खेती कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ के प्राचार्य विद्या बन्धु नेगी ने जी-20 अध्यक्षता पर विस्तार से बताते हुए कहा कि यह भारत के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि भारत का जी20 अध्यक्षता का विषय वसुधैव कुटुम्बकम है। उन्होंने बताया कि जी-20 का गठन साल 1999 में हुआ था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। जी 20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जी 20 का सबसे बड़ा मकसद आर्थिक सहयोग है ताकि सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित उप-निदेशक आत्मा बलबीर ठाकुर ने मोटे अनाज के महत्व पर विस्तार से सम्बोधन देते हुए युवाओं से इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देना का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को मोटे अनाज जैसे कोदा, कांगनी, चौलाई, साँवा, फाफड़ा, ओगला इत्यादि की उपयोगिता बारे विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की तथा इनसे बनने वाले पकवानों के महत्व बारे भी बताया।
उन्होंने बताया कि कोदा का सेवन रक्त सुधार, मधुमेह, एनीमिया नियंत्रण, कब्ज दूर करने व अच्छी नींद आने में सहायक सिद्ध होते है। चौलाई के सेवन से दस्त रोग की बीमारी, पेचिश नियंत्रण होता है तथा साँवा मधुमेह, यकृत, गुर्दे की बीमारी को ठीक करता है। इसी प्रकार कांगनी विटामिंस से भरपूर होता है जो बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी है तथा इनके सेवन से विभिन्न बीमारियों से लड़ने हेतु शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। उन्होंने बताया कि जिला में प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके तहत जिला के लगभग 3120 किसानों द्वारा इस पद्धति का प्रयोग खेतों में किया जा रहा है।
इससे पहले जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम मुख्य तौर पर जी-20 अध्यक्षता, मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष और मिशन लाइफ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना तथा राजकीय महाविद्यालय का विशेष योगदान रहा है।
इस दौरान उत्कृष्ट युवा वक्ताओं में नेहरू युवा केन्द्र से रवीना, आईटीआई से सान्या और उर्वशी को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
नेहरू युवा केन्द्र से केवल गीर ने धन्यवाद सम्बोधन प्रस्तुत किया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य तौर पर जिला लोक सम्पर्क अधिकारी सिम्पल सकलानी, शांता नेगी, ज्ञान चन्द शर्मा, मुकेश चन्द्र नेगी आदि उपस्थित रहे।