हिमाचल में 7000 पदों पर सरकारी नौकरी पर विराम, अदालत में सैकड़ों मामले विचाराधीन । हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सरकार द्वारा कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को 2 माह तक सस्पेंड रखने के बाद भंग किया गया था. जिससे 7000 के लगभग पदों के लिए 150 पोस्ट कोड की भर्ती प्रक्रिया अधर में ही लटक गई है.
ऐसे में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों के संचालन का जिम्मा दिया गया है. लेकिन यह कार्य कब शुरू होगा इसको लेकर अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ओएसडी रहे एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा.
हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर भंग किए जाने से 7000 के लगभग पदों के लिए 150 पोस्ट कोड की भर्ती प्रक्रिया अधर में लटक गई है. हिमाचल में सरकारी नौकरी पर एक तरह से पिछले दो माह से विराम लग चुका है. पेपर लीक कांड के बाद प्रदेश सरकार ने पहले आयोग की फंक्शनिंग को लगभग 2 माह तक सस्पेंड रखा और आखिरकार भंग कर दिया. हिमाचल में सरकारी नौकरी की भर्ती के लिए सबसे बड़ी एजेंसी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर था.
फिलहाल हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों के संचालन का जिम्मा दिया गया है. लेकिन यह कार्य कब शुरू होगा इसको लेकर अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. लोक सेवा आयोग भी सरकार के विस्तृत अधिसूचना का इंतजार कर रहा है. कर्मचारी चयन आयोग से जुड़े सैकड़ों भर्ती मामले अदालत में विचाराधीन है. इन विवादों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के विभिन्न पोस्ट कोड शामिल हैं. ऐसे में अब अदालत में इन मामलों की सुनवाई के लिए कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से पैरवी कैसे और कितनी तीव्र गति से संभव हो पाएगी यह भी बड़ा सवाल है.
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पोस्टकोड 965 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का पेपर 23 दिसंबर को पिछले साल परीक्षा से 2 दिन पूर्व ही लीक हो गया था. मामले का भंडाफोड़ होने के ढाई महीने बाद अब तक आयोग के जरिए आयोजित होने वाली हर भर्ती पर विराम लगा है. ईटीवी भारत इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताएगा कि कर्मचारी चयन आयोग में हजारों पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया कहां तक पहुंची थी और अब इसके आयोजन में और कितना वक्त लगने की उम्मीद है.
5000 पदों के लिए विजिलेंस जांच के बाद ही स्थिति होगी स्पष्ट- आयोग को भंग किए जाने से पहले जारी भर्ती प्रक्रिया को तीन श्रेणियों में समझा जा सकता है. 50 के लगभग पोस्ट कोड ऐसे थे जिनके अंतर्गत 5000 पदों के लिए लिखित परीक्षा दस्तावेज मूल्यांकन या फिर फाइनल रिजल्ट आने का ही इंतजार किया जा रहा था. यह सभी परीक्षाएं पेपर लीक प्रकरण की वजह से अब विजिलेंस के जांच के दायरे में हैं.
इन सभी भर्ती परीक्षाओं का परिणाम अब विजिलेंस जांच पर ही निर्भर करेगा. खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पिछले 3 साल में आयोजित भर्ती परीक्षाओं में धांधली की आशंका जता चुके हैं. ऐसे में जांच पूरी होने में लंबा वक्त लगने की उम्मीद है. सैकड़ों पदों पर तो भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी और फाइनल नतीजा आना बाकी था.
2000 पदों के लिए मांगे जा चुके हैं आवेदन- कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर 2000 पदों पर भर्ती के लिए 90 पोस्ट कोड के अंतर्गत आवेदन मांग चुका है. हजारों अभ्यर्थी इन पदों के लिए आवेदन कर चुके हैं और करोड़ों रुपए फीस के रूप में अदा कर चुके हैं. कर्मचारी चयन आयोग भंग होने से अब इन भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का जिम्मा लोक सेवा आयोग के पास है, लेकिन यह सब कार्य कब तक शुरू हो पाएगा इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
सैकड़ों पदों को भरने के लिए सरकार से मिल थी मंजूरी- कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को पिछली सरकार में ही 20 पोस्ट कोड के अंतर्गत विभिन्न विभागों के सैकड़ों पदों को भरने के लिए मंजूरी मिल चुकी थी. हालांकि इन पदों को अभी विज्ञापन नहीं किया गया था और ना ही आवेदन मांगे गए थे. पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद अब सरकार ने आयोग को भंग किया है. ऐसे में यह प्रक्रिया भी अब नए सिरे से शुरू होगी.
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ओएसडी रहे एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा का कहना है कि तीन श्रेणियों में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पूर्व में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया उनको समझा जा सकता है. 50 पोस्टकोड ऐसे थे जिनके अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी और 5000 पद विभिन्न विभागों में भरे जाने थे. 90 के लगभग पोस्ट कोड ऐसे थे जिनके के तहत 2000 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे.
By ETV Bharat हिंदी