आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग मंडी द्वारा आज आईटीआई मंडी में विश्व बहरापन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने की ।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि शिविर का उद्देश्य लोगों को बहरापन से बचाना और लक्षण दिखने पर उसके इलाज की समुचित व्यवस्था करना है । आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तेज ध्वनि के प्रदुषण के कारण बहरापन व श्रवण रोग की समस्या तेजी से बढ़ रही है । उन्होंने बताया कि भारत में 6 करोड़ 30 लाख लोग श्रवण रोग से ग्रस्त हैं ।
उन्होंने बताया कि बहरेपन का कारण जन्म से भी हो सकता है या गर्भावस्था के दौरान तम्बाकू, सिगरेट या अन्य नशे का सेवन मां को डयाबिटीज, ब्लड प्रेशन की बीमारी होने पर गर्भवस्थ शिशु की श्रवण शक्ति पर प्रभाव पड़ता है । इसलिए जन्म के बाद ही छोटे बच्चों में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चा ठीक ढंग से सुन पा रहा है या नहीं। समय पर बच्चे के विकास पर नजर रखने से बच्चे को सही समय पर बहरेपन से बचाया जा सकता है । उन्होंने बताया कि डाक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए । कान को हमेशा चोट इत्यादि से बचाना चाहिए ।
स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने बताया कि बहरे व्यक्तियों को भी समाज में सम्मानजनम दर्जा मिलना चाहिए तथा उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए । बहरापन एक लक्षण है कोई बीमारी नहीं ।
इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें शिल्पा ने पहला, कमल किशोर ने दूसरा तथा विरेन ने तीसरा स्थान हासिल किया ।
शिविर के समापन अवसर पर आईटीआई के प्रधानाचार्य शिवेन्द्र डोगर ने भी अपने वि
आईटीआई मंडी में विश्व बहरापन जागरूकता शिविर का आयोजन
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