राज्य सरकार स्कूली विद्यार्थियों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचाने के लिए दृढ़ता से प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार ने ‘प्रधाव’ ए हैकाथॅान टू वाइप आउट द ड्रग्स अभियान शुरू किया है। यह अभियान राज्य गुप्तचर विभाग द्वारा चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य छात्रों को जागरूक कर सशक्त बनाना और अवैध दवाओं के उत्पादन और आपूर्ति को समाप्त करना है।
यह बात शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च, माध्यमिक, प्राथमिक, तकनीकी शिक्षा विभाग और राज्य गुप्तचर विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि नशा सेवन के परिणामों की अनभिज्ञता, आसान उपलब्धता, जिज्ञासा, मानसिक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारणों से छात्र नशा सेवन की ओर आकर्षित होते हैं। इस समस्या के निवारण के लिए पुलिस, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को संयुक्त रूप से कार्य करने के अलावा शैक्षिक प्रणाली की नीतियों में आवश्यक बदलाव करना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एचपीबीओएसई) से बच्चों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करने और स्कूलों व कॉलेजों के पाठ्यक्रम में नशीली दवाओं के दुरुपयोग व उसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने के लिए आयु उपयुक्त पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा। उन्होंने स्कूलों व महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की समय-समय पर मनोवैज्ञानिकों, परामर्शदाताओं, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग और व्यापक स्तर पर नशा जागरूकता अभियान सुनिश्चित करने पर बल दिया। इससे विद्यार्थियों को नशीली दवाओं के विपरीत प्रभावों को जानने और उनके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने एक राज्यव्यापी मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसके माध्यम से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी बच्चों की वर्चुअल काउंसलिंग हो सकेगी।
शिक्षा मंत्री ने योग, खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने के अलावा स्कूल के अधिकारियों को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के साथ संयुक्त रूप से क्षमता निर्माण सत्र आयोजित करना को कहा। यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करेगा जिससे उन्हें नशे से दूर रहने की प्रेरणा मिलेगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने इस सामाजिक समस्या को दूर करने के लिए बहुआयामी रणनीति साझा की।
सचिव शिक्षा डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत के. शर्मा, निदेशक प्राथमिक शिक्षा घनश्याम चंद और निदेशक तकनीकी शिक्षा विवेक चंदेल भी बैठक में उपस्थित थे।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध संयुक्त प्रयास आवश्यक: शिक्षा मंत्री
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