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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार सायं हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपरेशन लिमिटेड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने 450 मैगावॉट क्षमता की शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना को जुलाई, 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि इस परियोजना के लिए वर्ष 2012 मंे निविदा जारी की गई थी लेकिन विभिन्न कारणों से इसके निर्माण कार्य मंे विलंब हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं मंे विलंब के कारण इनकी निर्माण लागत मंे वृद्धि होती है जिससे राज्य को नुकसान होता है। उन्हांेने कहा कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपरेशन लिमिटड (एचपीपीसीएल) के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सभी बाधाओं का निराकरण कर तीन माह के पश्चात एक और समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्हांेने परियोजना के निर्माण के लिए उत्तरादायी कंपनी को श्रम शक्ति में वृद्धि कर शेष निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा मंे पूरा करने के लिए कहा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शोंगटोंग जल विद्युत ऊर्जा परियोजना के पूरा होने से वार्षिक 1579 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। इससे राज्य में 1300 करोड़ रुपये का विद्युत उत्पादन होगा। परियोजना के समयबद्ध कार्यान्वित होने से 250 करोड़ रुपये की बचत होगी जिससे राजस्व पर 156 करोड़ रुपये की ब्याज़ उपलब्ध होगी, जिससे प्रदेश को कुल 1706 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने लाभ अर्जित करने वाली तथा राजस्व उत्पन्न करने वाली परियोजनाओं की क्षमता बढ़ाने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्हांेने इस परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करने पर बल दिया। राज्य सरकार जल विद्युत और सौर ऊर्जा के उपयोग से हिमाचल को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हांेने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य ने वर्ष 2024 के अन्त तक 500 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अभिषेक जैन, बहुउद्देशीय ऊर्जा परियोजना एवं ऊर्जा सचिव राजीव कुमार, एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, निदेशक डॉ. अमित कुमार, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा निर्माण कम्पनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपरेशन लिमिटड (एचपीपीसीएल) के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सभी बाधाओं का निराकरण कर तीन माह के पश्चात एक और समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्हांेने परियोजना के निर्माण के लिए उत्तरादायी कंपनी को श्रम शक्ति में वृद्धि कर शेष निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा मंे पूरा करने के लिए कहा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शोंगटोंग जल विद्युत ऊर्जा परियोजना के पूरा होने से वार्षिक 1579 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। इससे राज्य में 1300 करोड़ रुपये का विद्युत उत्पादन होगा। परियोजना के समयबद्ध कार्यान्वित होने से 250 करोड़ रुपये की बचत होगी जिससे राजस्व पर 156 करोड़ रुपये की ब्याज़ उपलब्ध होगी, जिससे प्रदेश को कुल 1706 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने लाभ अर्जित करने वाली तथा राजस्व उत्पन्न करने वाली परियोजनाओं की क्षमता बढ़ाने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्हांेने इस परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करने पर बल दिया। राज्य सरकार जल विद्युत और सौर ऊर्जा के उपयोग से हिमाचल को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हांेने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य ने वर्ष 2024 के अन्त तक 500 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अभिषेक जैन, बहुउद्देशीय ऊर्जा परियोजना एवं ऊर्जा सचिव राजीव कुमार, एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, निदेशक डॉ. अमित कुमार, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा निर्माण कम्पनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।