ऊना, 16 मार्च – बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम के लिए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के संबंध में वैज्ञानिक पहलुओं तथा भविष्य में इससे होने वाले नुक्सान के बारे आम व्यक्ति को जागरूक किया जा सके। यह निर्देश अतिरिक्त उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने बाल संरक्षण समिति द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में किए जा रहे प्रयासों के संबंध आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा की रोकथाम के लिए जागरूकता के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों की सहायता से एक खुफिया तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है ताकि बाल विवाह को रोका जा सके। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जनवरी, 2023 के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के उद्देश्य से जिला बाल संरक्षण समिति द्वारा जिला में 275 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें 10 हज़ार 773 लोगों ने भाग लिया। इन जागरूकता कार्यक्रमों में ग्राम पंचायतों के 259, खंड स्तर के 8 तथा शहरी क्षेत्रों के अलग-अलग वार्डों के 8 जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह, श्रम अधिकारी सोहन लाल जलोटा, सीडीपीओ ऊना कुलदीप सिंह दयाल, लक्ष्मण दास सीडीपीओ गगरेट, पीओ अभिमन्यु कपूर सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।