शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया के सरकारी आवास को वर्तमान शिक्षामंत्री आतिशी को आवंटित किए जाने की खबर को लीक होने को लेकर विवाद हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने ये आरोप दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर लगााया।
‘आप’ ने ये आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास गलत प्रचार करने के अलावा कोई काम नहीं है। आप ने एलजी वीके सक्सेना पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मीडिया को इस तरह की खबरें लीक करके एक संवैधानिक पद की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। ‘आप’ ने कहा कि यह विडंबना है कि एक व्यक्ति, जिसे पूरे देश ने वायरल क्लिप में एक महिला कार्यकर्ता को एक ठग की तरह पीटते हुए देखा, अब वो व्यक्ति विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी को लीक कर रहा है।
क्यों दिया आतिशी को सिसोदिया का घर?
आम आदमी पार्टी ने कहा कि जहां तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास को वर्तमान शिक्षा मंत्री को आवंटित करने के संबंध में आदेश की बात है, इस विषय में एक कानून है जो कहता है कि एक मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देने पर 15 दिनों के भीतर अपना आधिकारिक या सरकारी आवास खाली करना होगा। ‘आप’ ने कहा कि यह आदेश कानून का पालन करने के लिए जारी किया गया था। आवास खाली होने के बाद आतिशी को आवंटित कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा कि पार्टी स्पष्ट रूप से पुष्टि करती है कि न केवल सीएम अरविंद केजरीवाल बल्कि पूरा देश मनीष सिसोदिया के साथ खड़ा है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम से पूरा देश प्रभावित है। इसके अलावा, दिल्ली शराब नीति मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए, ‘आप’ ने इसे गलत बताया और इस मामले में पार्टी ने कहा कि ‘आप’ दिल्ली और देश भर में एक हस्ताक्षर अभियान चला रही है और हमने देखा है कि हर कोई महसूस करता है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गलत है।
बता दें कि 9 मार्च को अबकारी नीति और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार मंत्रियों सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को अबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था और उन्हें 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक के लिए फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आतिशी को मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, बिजली और पर्यटन विभाग दिया गया, जबकि सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य, जल और उद्योग एवं शहरी विकास मंत्रालय सौंपा गया। दोनों ही नए कैबिनेट मंत्रियों को एलजी सक्सेना ने पद की शपथ दिलाई।