इन दिनों एक सेम पैटर्न विदेशों में देखने को मिल रहा है। अचानक से कुछ देशों में भारत पर हमले शुरू हो गए हैं। ये हमले इतने खतरनाक हैं कि इन देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है।
लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि ये देश भारत को मजबूत साथी बताने का दावा करते हैं। लेकिन पर्दे के पीछे इन्हीं देशों में भारत को तोड़ने का षड़यंत्र चल रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास को निशाना बनाए जाने की खबर सामने आई। लेकिन भारत ने भी पूरी ताकत लगाकर इन देशों को इनकी हैसियत बताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।
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भारत विरोधी खालिस्तानी हवा विदेशों में होती तेज
कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में बैठे खालिस्तानियों का नेटवर्क एक्टिव होकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा हुआ है। इसे चारों देशों की सरकारों का मौन समर्थन भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यूके के लंदन अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में भारतीय हाई कमीशन के दूतावासों पर खालिस्तानियों ने हमला बोल दिया। किसी देश का दूतावास और हाई कमीशन सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है। लेकिन इन देशों में खालिस्तानी आराम से भारतीय दूतावास में घुसे, तिरंगे का अपमान किया और तोड़फोड़ कर आराम से निकल गए।
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अमेरिका के सैन फ्रांसिसको में भारतीय दूतावास पर हमला
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी ग्रुप ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास में आग लगाने की कोशिश की थी। जिसके बाद वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों ने अपने अमेरिकी समकक्षों को सूचित किया कि उन्हें देश विरोधी तत्वों द्वारा आने वाले दिनों में इस तरह के और विरोध-प्रदर्शन किए जाने की आशंका है। सैन फ्रांसिस्को में रविवार को सुबह करीब चार बजकर 20 मिनट पर यह घटना हुई। दूतावास में लगे सीसीटीवी में इस कृत्य के कुछ हिस्से कैद भी हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि दाढ़ी वाले दो पुरुषों जिन्होंने टोपी पहन रखी थी, ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशन के प्रवेश द्वार पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और इमारत को आग लगाने की कोशिश की। इन दोनोंकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
ब्रिटेन में उच्चायोग से झंडा उतारने की कोशिश
खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारत के उच्चायोग से भारतीय झंडे को उतारने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने उनको झंडा उतारने से रोक दिया। भारतीय सुरक्षाकर्मियों राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं होने दिया और उससे पहले ही तिरंगा को हाथों में थाम लिया।
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कनाडा में पत्रकार पर हमला
कनाडा में पत्रकार के साथ खालिस्तानियों द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया। कनाडा में भारतीय मूल के पत्रकार को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं भारतीय दूत ने कनाडा में अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। नाडा के स्थानीय चैनल ने बताया कि सुरक्षा कारणों से कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। इस कार्यक्रम में उच्चायुक्त वर्मा शामिल होने वाले थे।
ऑस्ट्रेलिया की संसद के बाहर विरोध
ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के विरोध में खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां खालिस्तान समर्थक ऑस्ट्रेलियाई संसद के बाहर एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की।
भारत ने निकाली हेकड़ी
भारत ने पहली बार एक कड़ा बयान जारी करते हुए ब्रिटेन और अमेरिका की सरकार को उसकी असलियत दिखा दी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने खालिस्तानियों की इस शर्मनाक करतूत की निंदा की है। भारत में विदेश राजनयिक को भी तलब किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने घोर निंदा करते हुए कहा कि मैं भारची उच्चायोग में हुए इस शर्मनाक कृत्य की निंदा करता हूं। ये पूरी तरह अस्वीकार्य है और सरकार खामोश नहीं बैठेगी। भारत ने कहा कि इन देशों को पता होना चाहिए कि दूतावासों की सुरक्षा कैसे की जाती है।