राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले केस में सूरत सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद दो मिनट के भीतर राहुल गांधी को दो साल की सजा सुना दी.
हालांकि कोर्ट ने सजा पर 30 दिन की रोक लगाते हुए उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी. राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है.
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कर्नाटक में एक रैली में बयान दिया था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इस बयान के खिलाफ सूरत कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया गया था. चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बीजेपी के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का दावा ठोका था. कोर्ट ने इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. जानिए क्या था यह पूरा मामला-
मैंने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई
राहुल गांधी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा- मैं राजकीय नेता हूं और इस नाते से भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए मैंने यह बयान दिया था. मैंने जो कहा, वह मेरा फर्ज था. मैंने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. मेरा इरादा कभी गलत या किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था. हमें दया नहीं चाहिए. इसके बाद राहुल गांधी ने अपने बयान पर माफी मांगने से मना कर दिया.
राहुल गांधी ने पिछली सुनवाई में कोर्ट में कहा था कि वो खुद पर लगे आरोप से इनकार करते हैं. उन्होंने चुनावी रैली में ऐसा कहा था, ये उन्हें याद नहीं है. इस मामले मे राहुल गांधी के साथ-साथ कोर्ट ने दो और गवाह कर्नाटक के कोलार के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी और भाषण रिकॉर्ड करने वाले निर्वाचन आयोग के वीडियो रिकॉर्डर के बयान दर्ज किए हैं, जिसके बाद राहुल गांधी से भी पूछताछ की गई थी.
कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षाबल तैनात
राहुल गांधी इस मामले में फैसला सुनने के लिए चौथी बार कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए कोर्ट के भारी सुरक्षाबल तैनात रहा. बताया जा रहा है कि उनकी सुरक्षा में करीब 150 जवानों को तैनात किए गया था.
राहुल गांधी ने यह दिया था बयान
राहुल गांधी ने कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
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