मंडी, 24 मार्च । विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य विभाग मंडी द्वारा एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया । रैली को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने क्षेत्रीय अस्पताल से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । रैली में राजकीय नर्सिंग काॅलेज की छात्राओं तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
यस, वी कैन ऐंड टीबी थीम पर इस वर्ष क्षय रोग दिवस मनाया गया ।
इस अवसर पर ठाकुर कौल सिंह ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मंडी जिला की उपलब्धियों तथा क्षय रोगियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला मंडी में 2700 क्षय रोगियों का उपचार किया गया, जिसके स्वस्थ होने की दर 91 प्रतिशत है । उन्होंने बताया कि इस साल अभी तक 1327 मरीज साधारण क्षय रोग के तथा 45 दवा प्रतिरोधी क्षय रोग के रोगी उपचार ले रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2018 से अभी तक जिला मंडी में निक्षय पोषण योजना के तहत 3,72,89,000 रुपये का भुगतान क्षय रोगियों को किया जा चुका है ।
ठाकुर कौल सिंह ने बताया कि जिला मंडी के दूरदराज क्षेत्रों से क्षय रोग संभावित लोगों की जांच के लिए थूक के नमूनों को ड्रोन के माध्यम से समीप के जांच केंद्रों में भेजा जाता है तथा अगर जांच में कोई व्यक्ति क्षय रोगी पाया जाता है तो उसे उपचार के लिए दवाईयां भी ड्रोन के माध्यम से भेजी जाती है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. नरेन्द्र कुमार भारद्वाज ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया । उन्होंने बताया कि क्षय रोग की जांच करने के लिए मंडी जिला में 2 मशीनें स्थापित की गई है, जिनमें से एक क्षेत्रीय अस्पताल मंडी व दूसरी श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेरचैक में स्थापित की गई है । उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री क्षय रोग मुक्त अभियान के तहत 280 निक्षय मित्रों को जोड़ा गया है, जिसके तहत सभी निक्षय मित्र अपने द्वारा गोद लिए गए रोगियों को हर महीने अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान कर रहे हंै । अभियान के तहत अभी तक निक्षय मित्रों द्वारा 300 रोगियों को गोद लिया गया है तथा सभी को अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान कर दी गई है ।
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ0 अनुराधा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 दिनेश ठाकुर और जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ0 अरिंदम राय भी उपस्थित थी ।
इस के इलावा कई अन्यों सस्थानो मैं अलग अलग प्रकार की गतिविदयों का आयोजन किया गया। इस विश्व टीबी दिवस पर जागरूकता संदेश फैलाने में युवा से लेकर बड़े तक सभी ने भाग लिया। समुदाय की भागीदारी के बिना इस बीमारी को खत्म करना बहुत मुश्किल है।