हमीरपुर 25 मार्च। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर ने पोषण पखवाड़ा के तहत शनिवार को विकास खंड सुजानपुर के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए विशेष परामर्श सत्र आयोजित किए। इस अवसर पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा उनके परिजनों का मार्गदर्शन करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि गर्भावस्था एवं धात्री काल में अच्छा पोषण माता एवं बच्चे दोनों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होता है। इस अवधि के दौरान मां को पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता रहती है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान महिलाओं को उपयुक्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा की आवश्यकता रहती है, लेकिन प्राय: यह देखने में आया है कि महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है। ऐसी अवस्था में मोटे अनाज महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हैं, क्योंकि इनमें कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, पोटाशियम, विटामिन बी-6, विटामिन बी-3 तथा फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि सूक्ष्म पोषक तत्वों की यह बहुलता बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं को कुपोषण के विरुद्ध सुरक्षा कवच प्रदान कर सकती हैं।
इसके अलावा मधुमेह को नियंत्रित करने, मोटापे से बचाने, कोलेस्ट्रोल के स्तर में कमी लाने और प्रचुर मात्रा में फाइबर होने के अपने स्वाभाविक गुणों के कारण मोटे अनाज गर्भावस्था जनित मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा कब्ज के निदान का महत्वपूर्ण साधन हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर पर समग्र एवं व्यापक व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती एवं धात्री महिलाओं और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए जनभागीदारी से विविध पोषण गतिविधियों का आयोजन कर इसे जन आंदोलन का रूप देना ही पोषण पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने पोषण पखवाड़े से संबंधित गतिविधियों में सहयोग के लिए बीएमओ डॉ. राजकुमार, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. देशराज तथा विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत चिकित्सकों का धन्यवाद भी किया।
गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है मोटा अनाज
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