महंगाई मार्च में गिरकर 2 फीसद तक जा सकती है, रूस-यूक्रेन युद्ध से जो बढ़ी, वो अब घटने लगी। देश में वैश्विक वजहों से होने वाली महंगाई (Inflation) का असर आने वाले दिनों में काफी कम देखने को मिल सकता है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में थोक महंगाई पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले इस साल काफी नीचे देखी जा सकती है।
हालांकि अल नीनो और देश में घरेलू वजहों की वजह से इस मोर्चे पर बढ़त देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में नरमी देखने को मिल रही है। साथ ही ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि जिन चीजों के दाम दुनियाभर में यूक्रेन और रूस के युद्ध की वजह से बढ़े थे वो अब घटने लगे हैं। इसकी वजह से आने वाले महीनों में महंगाई के आंकड़ों में नरमी देखने को मिल सकती है।
दुनियाभर में गिरे दाम
वैश्विक कमोडिटी के दामों में ये नरमी दिसंबर महीने से ही दिखाई देने लगी थी। इसके पीछे दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के बाद मांग का घटना भी बड़ी वजह रही। आंकड़ों के मुताबिक ब्लूमबर्ग कमोडिटी इंडेक्स में 13 मार्च को करीब 3 फीसदी की गिरावट देखी गई थी। साथ ही पिछले साल समान अवधि की बात की जाए तो इसमें 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
इसके अलावा भारत में कच्चे तेल की कीमत भी पिछले साल मार्च के मुकाबले 27 फीसदी तक गिर गई हैं। हालांकि घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले साल जुलाई के बाद से स्थिर बने हुए हैं। फरवरी महीने में थोक मूल्य सूचकांक महंगाई घटकर 25 महीने के निचले स्तर 3.9 फीसदी पर पहुंच गई थी।
घरेलू बाजार की चुनौतियां बनी हुई हैं
थोक महंगाई मार्च महीने में गिरकर 2 फीसदी तक जा सकती है। साथ ही ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले साल के तेज उछाल की वजह से बने स्तर के चलते इस साल ये निगेटिव जोन में भी देखी जा सकती है। हालांकि देश में खाने पीने की चीजों के दामों में बढ़त की आशंका बनी हुई है। देश में गर्म हवाओं और अल नीनो की भी परिस्थितियां बनी रह सकती हैं।
तेज बारिश और ओलों की वजह से फसलों को नुकसान
जानकारों को ये भी लगता है कि देश के कई राज्यों में हुई तेज बारिश और ओलों की वजह से फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि नुकसान के सरकारी आंकलन के आंकड़े आने में अभी समय लगेगा लेकिन फौरी तौर पर जरूर सब्जियों और गेहूं की फसलों को नुकसान हुआ है। जानकारों की राय में इससे भी लोगों की जेब पर असर पड़ना तय है।
घरेलू मोर्चे पर कृषि उपज घटने से होगा असर
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर ने हिंदुस्तान को बताया कि भारत में अल नीनो के प्रभाव की वजह से सर्दियों में गर्मी रही है और गर्मी के मौसम में भी तेजी गर्मी के आसार हैं। साथ ही मॉनसून में कमी भी देखने को मिल सकती है। ऐसे में भले ही वैश्विक मोर्चे से महंगाई के लिए राहत हो लेकिन घरेलू मोर्चे पर कृषि उपज घटने से खाने पीने की चीजों के दामों में तेजी बने रहने के आसार हैं।
By हिन्दुस्तान