0 0 lang="en-US"> कटोच वंश के 489वें राजा बने ऐश्वर्य देव चंद्र, नगरकोट दुर्ग में 400 साल बाद हुआ राजतिलक - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
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कटोच वंश के 489वें राजा बने ऐश्वर्य देव चंद्र, नगरकोट दुर्ग में 400 साल बाद हुआ राजतिलक

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Kangra News: कटोच वंश के 489वें राजा बने ऐश्वर्य देव चंद्र, नगरकोट दुर्ग में 400 साल बाद हुआ राजतिलक। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरकोट दुर्ग में राजसी परंपराओं के अनुरूप ऐश्वर्य देव चंद्र कटोच का राजतिलक हुआ। वह कटोच वंश के 489वें राजा बने हैं। बीजापुर के ठाकुर उदय देव कटोच ने राजतिलक कर उन्हें राजा की पदवी से विभूषित किया।

राजतिलक समारोह में कांगड़ा किले में मां अंबिका देवी मंदिर के प्रांगण में उपस्थित लोगों की भीड़ राजदरबार जैसी लग रही थी। दरबारियों की घेराबंदी में राजसिंहासन सजा था। कटोच वंश के साथ राजपूत बिरादरी और कई राजघरानों से आए राजवंश के लोग इस सिंहासन तक राजा के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। ढोल-नगाड़ों और शहनाई की धुनों के बीच ऐश्वर्य देव सिंहासन तक पहुंचे तो हर किसी की नजर उन्हें देखने के लिए उत्सुक थी।

क्रमवार ऐश्वर्य कटोच को कटोच बिरादरी ने तलवार भेंट की। राजतिलक के बाद उनके पुत्र अंबिकेश्वर कटोच को टिक्काराज की उपाधि मिली है। यह राजतिलक करीब 400 साल बाद कांगड़ा दुर्ग में आयोजित किया गया। समारोह में उनकी माता राजमाता चंद्रेश कुमारी भी आईं थीं। किले में स्थित मां अंबिका देवी कटोच वंश की कुलदेवी हैं। किले के साथ ही इस राजपरिवार ने महाराजा संसार चंद म्यूजियम भी बनाया है। यहां उनके राजवंशों की ऐतिहासिक विरासतें मौजूद हैं। समारोह में डाडासीबा, बतसर, रेवा, सिरोही, रामगढ़, बिलासपुर, कछ, कश्मीर रायल फैमिली, गुलेर, मयूरभंज, जैसलमेर जैसी रियासतों के राजपरिवार शामिल हुए।

By अमर उजाला

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