लड़ाई जारी रखने के लिए वो अन्य देशों से लगातार सैन्य सामान मांग रहा है. इसी क्रम में पाकिस्तान इसी महीने रक्षा सामानों से लदे 230 कंटेनर यूक्रेन भेजेगा. यहां गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान एक तरफ हथियारों और अन्य रक्षा सामानों से यूक्रेन की मदद कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ रूस से विमान के इंजनों के आधुनिकीकरण में मदद मांग रहा है. पनडुब्बी भी बनी खिलौना, किसी में बैटरी नहीं तो नई में इंजन गायब, ग्रीस भी गुर्राया पाकिस्तान का ये भी कहना है कि अप्रैल के अंत तक उसे रूस से रियायती दरों पर पेट्रोलियम मिलना शुरू हो जाएगा.
हालांकि रूस और पाकिस्तान के बीच एनर्जी एग्रीमेंट का कोई सबूत नहीं है. इस बात का पता चला है कि चीन, पाकिस्तान और यूक्रेन ने एक बार मिसाइल टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान करने के लिए एक नेटवर्क बनाया था. 2021 में पाकिस्तान यूक्रेनी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए उत्सुक था. यहां समझना होगा कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों से सहायता के बदले में यूक्रेन को हथियार और रक्षा उपकरण देने वाला मेजर प्रोवाइडर है.
दोनों देशों के बीच जारी इस रक्षा सहयोग से यूक्रेन को फायदा हो रहा है. रूस से युद्ध के दौरान यूक्रेन हथियारों और गोला-बारूद की कमी से जूझ रहा है. रमजान में भूखे मर रहे पाकिस्तानी! फ्री का राशन लेने पहुंचे लोगों में मची भगदड़, 12 की मौत पाकिस्तान भले ही यूक्रेन की सैन्य मदद कर रहा हो, लेकिन उसकी नौसेना का हाल खस्ताहाल है.
पाकिस्तान के पास जो पनडुब्बियां हैं, उनका हाल बुरा हो रहा है. जो पनडुब्बियां चालू हैं उनके लिए बैटरियां नहीं है, वहीं जिन पनडुब्बियों पर काम चल रहा है, उनके लिए इंजन नहीं है. पाकिस्तान ने मदद के लिए ग्रीस के सामने हाथ फैलाया है, लेकिन उसे वहां से कोई सहायता नहीं मिल रही है. इसके साथ ही चीन से उसे जो पनडुब्बियां मिलनी हैं, उसकी डिलीवरी में देरी हो रही है.