इस सियासी गरमागरमी में जहां एक ओर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अपना बचाव करने में लगी है.
वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), कांग्रेस और एनसीपी राज्य सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन सवाल ये है कि इस मामले ने राजनीतिक रंग क्यों ले लिया है?
दरअसल, इन लोगों की मौत एक सामाजिक कार्यक्रम में हुई जिसे महाराष्ट्र सरकार ने आयोजित किया था.
आख़िर क्या है मामला?
रविवार को नवी मुंबई में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह हुआ. इसी दौरान लू लगने से 11 लोगों की मौत हुई. इस घटना ने राज्य की सियासी पारा ऊपर कर दिया है.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए. ये कार्यक्रम चिलचिलाती धूप में दोपहर 11.30 बजे से 1.30 बजे के बीच हुआ.
तब तापमान 40 डिग्री से भी अधिक चला गया था.
रायगढ़ ज़िला प्रशासन ने बताया है कि 12 लोगों में आठ महिलाएँ हैं. गर्मी लगने की वजह से बीमार हुए कई लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं.
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5 लाख मुआवज़ा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणवीस ने अस्पताल जाकर बीमार लोगों से मुलाक़ात की है.
बाद में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं उन लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ, जिनकी मौत हो गई है. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिजन को पाँच लाख रुपए सहायता राशि के रूप में देगी. जिन लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है, उनके इलाज का ख़र्च राज्य सरकार वहन करेगी.”
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है.
फडणवीस ने ट्विटर पर लिखा है, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है कि आज सुबह महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में भाग लेने वाले कुछ सदस्यों की लू लगने से मौत हो गई. मैं इन साधकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हम उनके परिवारों के दुख में सहभागी हैं.”
विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्ष ने इस मामले को लेकर शिंदे सरकार पर निशाना साधा है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी के नेता अजित पवार ने सोमवार को अस्पताल का दौरा किया और बीमार लोगों से मुलाक़ात की.
उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम ठीक तरह से आयोजित नहीं किया गया था. उन्होंने सवाल किया, “लेकिन इसकी जाँच कौन करेगा?”
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैंने बीमार लोगों से मुलाक़ात की है और चार-पाँच मरीज़ों से बात भी की है. इनमें से दो की हालत गंभीर है.”
एनसीपी नेता अजित पवार ने इस मामले की जाँच कराने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि ये बहुत गंभीर मामला है और इसकी जाँच होनी चाहिए. अजित पवार ने कहा कि एक मरीज़ वेंटिलेटर पर है और उनकी स्थिति बहुत गंभीर है.
शिव सेना (ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर अमित शाह को निशाने पर लिया है.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कार्यक्रम की तैयारियां अमित शाह को ध्यान में रखते हुए की गयी थीं. चूंकि शाह के पास शाम को वक़्त नहीं था, ऐसे में कार्यक्रम दिन में आयोजित किया गया जब तापमान बहुत ज़्यादा था. सरकार को ये कार्यक्रम आयोजित करने से पहले मौसम को ध्यान में रखना चाहिए था. यहां पहुंचे लोग राजनीतिक नहीं थे. बल्कि अप्पासाहेब के लिए आए थे.”
उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की ओर से सरकार के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने की मांग बिलकुल उचित है क्योंकि इस कार्यक्रम के लिए उचित इंतजाम करना सरकार की ज़िम्मेदारी थी.
उन्होंने ये भी बतायाकि केसी वेणुगोपाल मातोश्री में उद्धव से मुलाक़ात करेंगे. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस के दूसरे नेता भी उनके साथ मौजूद होंगे.
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पुरस्कार वितरण समारोह
नवी मुंबई के एक विशाल मैदान में हुए इस पुरस्कार समारोह में लाखों लोग शामिल हुए थे जो दोपहर 11 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक चिलचिलाती धूप में बैठे रहे. इस दौरान तापमान धीरे-धीरे बढ़ता गया.
इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी को सम्मानित किया गया. उन्हें अप्पासाहेब धर्माधिकारी के नाम से भी जाना जाता है.
इस कार्यक्रम में धर्माधिकारी के लाखों अनुयायियों ने हिस्सा लिया. लेकिन कार्यक्रम के दौरान तापमान बढ़ने से कई लोग बीमार पड़ गए.
मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल मौजूद थे.
मृतकों में से आठ लोगों की पहचान कर ली गई है. इनके नाम श्रीमती वैचल, तुकाराम वांगड़े, महेश गायकर, मंजूषा भाबांडे, संगीता पवार, जयश्री पाटिल, स्वप्नील केणे और भीम साल्वी है.
शेष तीन मृतकों की शिनाख़्त की जा रही है.