ऊना, 18 अप्रैल – जिला ऊना में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रयोजन पालक देखभाल योजना के तहत 187 बच्चों को 93 लाख 97 हजार चार सौ अठारह रुपए के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं तथा चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही के दौरान 192 बच्चों को 50 लाख 83 हजार 651 रुपए का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने प्रयोजन पालक देखभाल योजना के तहत आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में अनाथ बच्चों के संपत्ति से संबंधित मालिकाना हक की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बताया कि गत 2 वर्षों के दौरान जिला ऊना में कुल 221 अनाथ बच्चों को चिन्हित किया गया था जिनमें से 40 अनाथ बच्चों के मालिकाना संपत्ति संबंधी मालिकाना हक उनके नाम स्थानांतरित किए जा चुके हैं जबकि 80 अनाथ बच्चों के संपत्ति के मालिकाना हक उनके दादा दादी या नाना नानी के पास सुरक्षित हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिला ऊना में 84 बच्चे प्रयोजन पालक देखभाल योजना का लाभ प्राप्त कर अपनी 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं जिनमें से 39 लड़के तथा 45 लड़कियां शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रयोजन पालक देखभाल योजना के प्रत्येक बच्चे को सरकार की ओर से 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4500 रूपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रायोजन पालक देखभाल योजना के अंतर्गत विधवा तलाकशुदा तथा परित्यक्त महिलाओं के बच्चों, विस्तृत परिवारों में रह रहे अनाथ बच्चों, गंभीर व लाइलाज बीमारी से ग्रस्त माता-पिता के बच्चों, वित्तीय तथा शारीरिक रूप से अक्षम माता-पिता के बच्चों, पीएम केयर योजना के लाभार्थी बच्चों, के अलावा प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों, बाल मजदूरों, एचआईवी एड्स प्रभावित बच्चों तथा दिव्यांग बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।