मंडी, 05 मई। सुखाश्रय ने निराश्रित बच्चों के सपनों को साकार करने में स्वाभिमान के पंख लगा दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निराश्रितों को चिल्ड्रन आफ स्टेट का दर्जा दिया गया है। अब सरकार अभिभावक के रूप में निराश्रितों की उचित देखभाल सुनिश्चित करेगी। सरकार की इस पहल में निराश्रित बच्चों को अपना भविष्य भी सुनहरा दिखाई दे रहा है। मंडी जिला की बात करें तो विभिन्न बालश्रमों तथा चाइल्ड केयर संस्थानों में जीवन यापन कर रहे 383 निराश्रित बच्चे लाभांवित होंगे। सुखाश्रय योजना के आरंभ होने पर निराश्रित बच्चों के चेहरों पर रौनक देखते ही बनती है।
अब हिमाचल में 27 वर्ष तक की आयु केे निराश्रित बच्चों की सरकार अभिभावक की भूमिका निभाएगी। अनाथ बच्चे किसी भी तरह की उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहे वो एमबीबीएस या आईआईटी ही क्यों न हो, इसकी पूरी फीस और हॉस्टल का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। इसके अतिरिक्त प्रतिमाह 4000 रुपये पॉकेट मनी अलग से दी जाएगी।
अनाथ बच्चे साल में एक बार हवाई जहाज से शैक्षणिक भ्रमण कर पाएंगे। उनके भारत के किसी भी राज्य में आने जाने और ठहरने का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी। जिस भी प्रदेश में जाएंगे उन्हें तीन स्टार होटल में ठहराया जाएगा। 10 हजार उनको कपड़ों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। स्वरोजगार के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी इसके अतिरिक्त 27 वर्ष की आयु के उपरान्त घर बनाने के लिए भी जमीन भी सरकार उपलब्ध करवाएगी।
सरकाघाट के भरनाल में दीन बंधु बाल-बालिका आश्रम के दसवीं के छात्र जितेंद्र कुमार तथा नवम कक्षा के छात्र धर्मेंद्र, सातवीं कक्षा के छात्र भूपेंद्र ने सरकार द्वारा सुखाश्रय योजना आरंभ करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पहली बार किसी सरकार ने निराश्रित बच्चों को निशुल्क शिक्षा, कोचिंग तथा त्यौहार भत्ता देने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खु ने सभी निराश्रित बच्चों को स्वाभिमान से जीने के लिए पहल की है इस के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खु का धन्यवाद करते हैं। दीन बंधु बाल-बालिका आश्रम के संस्थापक प्रेम सिंह का कहना है कि वह पिछले 36 वर्षों से निराश्रित बच्चों के लिए बाल आश्रम का संचालन कर रहे हैं लेकिन पहली मर्तबा किसी सरकार ने निराश्रित बच्चों के लिए सराहनीय कार्य किया है।
बालिका देखभाल संस्थान सुंदरनगर की जाहनवीं, लता, शिल्पा, किरण तथा प्रिया कुमारी ने सुखाश्रय आरंभ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कभी हम सपने में भी यह नहीं सोच सकते थे कि हमें निशुल्क उच्च शिक्षा के साथ साथ हवाई यात्रा के लिए कभी कोई मदद करेगा लेकिन यह सब मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह ने निराश्रित बच्चों के लिए एक अभिभावक की तरह कर दिखाया है।
विशेष योग्यता प्राप्त छात्राओं की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदरनगर में नवम कक्षा की छात्रा सृष्टि चौहान तथा शशि का कहना कि सुखाश्रय निराश्रित बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है तथा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खु ने निराश्रित बच्चों की पीड़ा को समझा है और सरकार ने प्राथमिकता के तौर पर चिल्ड्रन आफ स्टेट का दर्जा दिया है।
उपायुक्त डा अरिंदम चौधरी ने कहा कि निराश्रित बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंडी में इस शिवरात्रि महोत्सव के दौरान भी निराश्रित बच्चों को विशेष तौर पर मंच उपलब्ध करवाया गया है इसी तरह से सरकार की ओर से सुंदरनगर में आदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसर के लिए भी कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।