ऊना, 17 मई – भारत सरकार के कौशल विकास एंव उद्यमिता मंत्रालय द्वारा तकनीकी शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश के माध्यम से अप्रैन्टिसशिप प्रशिक्षण योजना को विभिन्न पात्र औद्योगिक इकाईयों, प्रतिष्ठानों व संगठनो मे कार्यन्वयन करवाया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य बलराम सिंह ढिल्लों ने बताया कि परियोजना को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2017 मे राष्ट्रीय अप्रैन्टिसशिप प्रोत्साहन योजना आरम्भ की गई थी इसके अन्तर्गत अप्रैन्टिसशिप प्रशिक्षु रखने वाले औद्योगिक इकाईयों, प्रतिष्ठानों व संगठनो द्वारा इन प्रशिक्षुओं को दिये जाने वाले वृतिका का 25 प्रतिशत व्यय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2022 के बाद यह सारी प्रक्रिया आॅनलाईन कर दी गई है जिसके लिए सम्बधित स्थापना तथा प्रशिक्षु दोनों का ई-केवाईसी अप्रैन्टिसशिप पोर्टल पर किया जाना अति आवश्यक हैं। इसके बिना दी गई बृतिका का 25 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भारत सरकार द्वारा नही किया जा सकता। इस सम्बन्ध मे पहले भी जिले के औद्योगिक इकाईयों, प्रतिष्ठानों व संगठनो को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन अभी भी मैसर्ज़ स्विस गार्नियर लाईफ साईंस मैहतपुर, मैसर्ज़ स्टेनफोर्ड लैबोरेट्री मैहतपुर, मैसर्ज़ नेस्ले इंडिया टाहलीवाल, मैसर्ज़ वैक्टर फूड स्पैशिलिस्ट टाहलीवाल, मैसर्ज़ एम्को इंडस्ट्री गगरेट, मैसर्ज़ यशस्वी अकादमी, मैसर्ज़ जीडीएच इंडस्ट्री बसाल तथा एलवी एक्सप्रेस आॅटोमोबाईल बसाल द्वारा रखे गये प्रशिक्षुओं का अभी तक ई-केवाईसी अप्रैन्टिसशिप पोर्टल पर नही किया गया है।
प्रधानाचार्य एवं सहायक प्रशिक्षुता सलाहकार अद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान ऊना ने इन औद्योगिक इकाईयों, प्रतिष्ठानों व संगठनो से ई-केवाईसी के कार्य को प्राथमिकता के अधार पर करने का आह्वान किया है ताकि इन औद्योगिक इकाईयों, प्रतिष्ठानों व संगठनो के लम्बित बृतिका के 25 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भारत सरकार द्वारा समय पर किया जा सके।