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कुल्लू 20 जुलाई। भवानी सिंह सोलन से जब अपने जिला कुल्लू आ रहे थे तो रास्ते में सुबाथू व कुनिहार के बीच एक अज्ञात वाहन ने उनकी मोटर साइकिल को जबरदस्त टक्कर मार दी। वह बेहोश होकर गिर पड़े और उनका पांव पूरी तरह से टूट चुका था। प्रथम उपचार के बाद जब उनका आंख खुली तो वह टूटा पांव देखकर अपना मनोबल पूरी तरह से खो चुके थे और अपने को असहाय महसूस कर रहे थे। शिमला आईजीएमसी उन्हें उपचार के लिये रैफर किया गया जहां पर उनके पांव की सर्जरी हुई और 35 टांके लगे।
28 वर्षीय भवानी सिंह का कहना है कि जब उसे शिमला अस्पताल से छुट्टी दी गई, तो उन्हें अपने गृह स्थान में फिजियोथैरेपी करवाने को कहा। भवानी सिंह को किसी ने जिला विकलांगता पुनर्वास केन्द्र में सम्पर्क करने की सलाह दी। वह तुरंत से इस केन्द्र में पहुंच गया। जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित इस केन्द्र में मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। केन्द्र में डॉ. सीमा समर्पण भाव से लोगों की फिजियोथैरेपी का कार्य कर रही है। डॉ. सीमा ने उनकी फिजियोथेरेपी आरंभ की और साथ ही कुछ व्यायाम करने की सलाह दी। शुरू में उन्हें काफी दर्द हुआ, लेकिन धीरे-धीरे वह व्यायाम करने के लिये सहज महसूस करने लगे।
भवानी सिंह बताते हैं कि पांच दिनों तक फिजियोथेरेपी के बाद वह अपने पांव पर खड़े हो गये और 8वें दिन चलना शुरू कर दिया। डॉ. सीमा ने जहां अच्छे से फिजियोथेरेपी की, वहीं उनकी काउंसलिग भी की जिससे मनोबल बढ़ा और वह तेजी के साथ स्वस्थ होते गए। भवानी सिंह का मानना है कि केन्द्र उनके लिये मानो संजीवनी साबित हुआ और अब वह विल्कुल स्वस्थ है। पहले की भांति चल-फिर सकते हैं और अपने दिनचर्या के कार्यों को करने में अब कोई कठिनाई नहीं है। भवनी सिंह ने उपायुक्त एवं जिला रेड क्रॉस समिति के अध्यक्ष आशुतोष गर्ग व डॉ. सीमा का शुक्रिया अदा किया है और जरूरतमंद लोगों को इस केन्द्र में उपचार के लिये आने की भी अपील की है।