सुजानपुर 16 जून। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और अग्रिम पंक्ति के अन्य कार्यकर्ताओं को लैंगिक विभेद, लैंगिक हिंसा निवारण और महिलाओं से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरुक करने के लिए शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत चौरी में एक कार्यशाला आयोजित की।
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि नकारात्मक लैंगिक मानदंडों को समाप्त कर लैंगिक समानता का परिवेश स्थापित करने और समग्र विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए व्यवहारिक और सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता हमारा समाज शिद्दत से महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विविध कार्यक्रमों के माध्यम से गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों के अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों को समग्रता में कार्यान्वित करने और सभी हित धारकों को एक मंच पर लाने की जरुरत है।
इस अवसर पर प्रतिभागियों को ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं और बाल हितैषी, महिला हितैषी, स्वस्थ गांव एवं सुशासित गांव जैसी अवधारणाओं की प्राप्ति में आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त उन्हें गरीबी उन्मूलन, पोषण एवं महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाया गया। उन्हें वन स्टॉप सेंटर, वुमन हेल्पलाइन, इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम, चाइल्ड हेल्पलाइन, साइबर क्राइम सेल, घरेलू हिंसा रोधी अधिनियम, प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम सेक्सुअल हैरेसमेंट, बाल विवाह रोधी अधिनियम, दहेज विरोधी अधिनियम, शक्ति सदन, सेवा सदन जैसे निवारक विषयों की भी विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में अग्रिम पंक्ति के इन कार्यकर्ताओं को विभिन्न स्थितियों में प्रभावी संपर्क स्थापित करने तथा उनके संचार कौशल को तराशने के लिए लघु नाटिका का मंचन भी किया गया।
आंगनवाड़ी एवं आशा वर्कर्स को लैंगिक विभेद और लैंगिक हिंसा निवारण पर दिए टिप्स
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