पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री अरुण कुमार ने इस बात की जानकारी दी है कि, इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड ऑयल के दाम में काफी गिरावट होने के कारण फ्यूल डिस्ट्रीब्यूटर कंपनियां पेट्रोल और रसोई गैस में लगी लागत की अब भरपाई करने की स्थिति में आ गई हैं. वहीं दूसरी ओर डीजल की बिक्री पर अब भी कंपनियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
अरुण कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दामों में लगातार उठापटक होने की वजह से सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल और डीजल में कोई खास बदलाव नहीं किए उन्होंने कहा कि 1 दिन में 5 से $7 प्रति बैलेंस के दाम घट और बढ़ रहे हैं ऐसी परिस्थिति में हम आम जनता पर बोझ नहीं डाल सकते यहां तक की कोई भी वितरक इस उतार-चढ़ाव का बोझल नहीं खेल सकता.
बीते 5 महीनों से बीपीसीएल के अलावा किसी भी पेट्रोलियम कंपनी ने पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत में बदलाव नहीं किया. डीजल पर 20 से ₹25 प्रति लीटर का नुकसान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और और पेट्रोल पर 14 से ₹18 का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था. लेकिन कच्चे तेल में अंतरराष्ट्रीय दामों पर गिरावट आने के बाद यह नुकसान कुछ हद तक कम हो गया है अगले महीने से हो सकता है एलपीजी गैस पर किसी तरह का नुकसान और घाटे का सामना नहीं करना पड़ेगा इस तरह पेट्रोल पर भी कोई नुकसान नहीं होगा पर डीजल पर अभी भी नुकसान जैसी स्थिति बरकरार है.
उन्होंने कहा कि यह स्थिति एक लंबे समय तक बनी रह सकती है अगर कीमतें ज्यादा समय तक बड़ी रहती है तो खुदरा कीमतों पर बढ़ोतरी आएगी और सरकार से कुछ मदद की जरूरत पड़ सकती है अभी तक उन्होंने यह ब्यौरा नहीं दिया है कि सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों को इस समय आखिरकार कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है.