मंडी, 6 जुलाई। एसडीएम मंडी सदर ओमकांत ठाकुर ने सदर उपमंडल में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत ‘देई’ (डी.ई.आई- डॉटर्स एम्पावरमेंट इनिशिएटिव) कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सभी लोगों से संगठित होकर इस कार्यक्रम को सामूहिक आंदोलन बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बेटियों को लेकर नकारात्मक सोच में बदलाव के लिये व्यक्तिगत एवं सामूहिक सोच में परिवर्तन की जरूरत है तथा इसके लिए इस मुहिम को जन सहभागिता से जन आंदोलन बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर भी जागरूकता पर बल दिया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने पोषण अभियान और बाल विकास परियोजना की खंड स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक भी ली।
10वीं में टॉप पर 51 सौ, 12वीं में अव्वल रहने पर 50 हजार
ओमकांत ठाकुर ने बताया कि देई कार्यक्रम के तहत आईसीडीएस परियोजना सदर मंडी में दसवीं कक्षा में मेरिट में आने पर प्रत्येक बच्ची को 51-51 सौ रुपये तथा मेडिकल, नॉन-मैडिकल, कला एवं वाणिज्य विषय में 12वीं की मेरिट लिस्ट में आने वाली जिले की प्रत्येक बच्ची को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
एसडीएम ने आईसीडीएस सदर के तहत खंड स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि बीते वर्ष पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत 6 माह से 3 वर्ष तक के 6341 शिशुओं, 3 से 6 वर्ष तक के 1547 बच्चों तथा 2443 गर्भवती व धात्री माताओं को पूरक पोषाहार प्रदान किया गया । बेटी है अनमोल योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 68, मदर टेरेसा योजना के तहत 319, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 27, विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत 5 तथा शगुन योजना के तहत 128 लोगों को लाभान्वित किया गया ।
बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर वंदना शर्मा ने इस अवसर पर विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की ।
देई कार्यक्रम को बनाएं सामूहिक आंदोलन – ओमकांत ठाकुर
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